अमर उजाला ब्यूरो

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झांसी। पिछली बार हुई गड़बड़ी से सबक लेते हुए इस बार होने वाली पुलिस की आरक्षी भर्ती परीक्षा को लेकर चाक-चौबंद बंदोबस्त किए जा रहे हैं। इस बार निजी स्कूलों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है। इसके अलावा निजी स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी भी परीक्षा में नहीं लगाई जा रही है। परीक्षा की निगरानी के लिए माध्यमिक और बेसिक के 1300 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

उत्तर प्रदेश पुलिस परीक्षा एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा का पुनः आयोजन 23, 24 व 25 एवं 30 व 31 अगस्त को महानगर के राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में बनाए गए 24 केंद्रों पर किया जाएगा। परीक्षा दो पालियों में होगी।

पिछली बार हुई पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की वजह से सरकार को खासी किरकिरी का सामना करना पड़ा था। इससे सबक लेते हुए इस बार चाक-चौबंद बंदोबस्त किए जा रहे हैं। परीक्षा के दौरान प्रत्येक कक्ष की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा वॉइस रिकॉर्डर भी लगे रहेंगे, जिससे कक्ष के भीतर होने वाली हर आवाज को रिकॉर्ड किया जाएगा।

परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल फोन, एंड्राइड फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक गेजेट पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगें। इन उपकरणों को परीक्षार्थियों की जांच के दौरान अलग कक्ष में जमा करने की व्यवस्था की जाएगी।

परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती रहेगी। साथ ही केंद्रों पर अधिकारी भी लगातार भ्रमणशील रहेंगे। परीक्षा संपादित कराने के लिए 1300 शिक्षकों की ड्यूटी बतौर कक्ष निरीक्षक लगाई जा रही है। इसमें 640 बेसिक के और बाकी माध्यमिक के शिक्षक रहेंगे। इनमें पचास फीसदी शिक्षक केंद्र से संबंधित विद्यालयों के होंगे, बाकी पचास प्रतिशत शिक्षक बाहरी होंगे।

100 शिक्षक रिजर्व में भी रखे जाएंगे। डीएम और एसएसपी अपनी टीमों के साथ परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करने में जुटे हुए हैं। वे सीसीटीवी कैमरों से लेकर वाहन पार्किंग तक की व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं।

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शिक्षकों को दिया गया विशेष प्रशिक्षण

पुलिस की आरक्षी भर्ती परीक्षा में जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, उनका मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज में विशेष प्रशिक्षण हुआ। यह पहला मौका है, जब किसी भर्ती परीक्षा के लिए शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी की तरह अलग से प्रशिक्षित किया गया है। जीआईसी में शिक्षकों को दो पालियों में 22 मास्टर ट्रेनरों ने प्रशिक्षण दिया। जीआईसी के प्रधानाचार्य सतीश सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को शुचितापूर्ण परीक्षा संपादित कराने के संबंध में विस्तृत जानकारियां दी गईं।



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