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Police Custody Death Cases In agra – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
आगरा कमिश्नरेट में पुलिस हिरासत में माैत का यह कोई पहला मामला नहीं है। वर्ष 2018 में थाना सिकंदरा पुलिस चोरी के शक में राजू गुप्ता को पुलिस पकड़कर लाई थी। उनकी हिरासत में मृत्यु हो गई थी। वर्ष 2021 में जगदीशपुरा थाने के मालखाने में चोरी हुई थी। पुलिस ने सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि को पकड़ा था। उनकी माैत हो गई थी। इस केस में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। अब केदार सिंह की जान चली गई। उन्हें तो बेवजह पुलिस ने पकड़ा था। उनका केस में भी नाम नहीं था।
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19 नवंबर 2018 को गैलाना रोड, सिकंदरा स्थित नरेंद्र एन्क्लेव निवासी अंशुल प्रताप के घर में सात लाख के जेवरात चोरी हुए थे। अंशुल ने पड़ोस में रहने वाले 30 वर्षीय राजू गुप्ता पर चोरी का शक जताया। राजू के दिवंगत पिता ओम प्रकाश सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक थे। वह मां रेनू गुप्ता के साथ किराये के मकान में रहते थे। 21 नवंबर को राजू गुप्ता को कुछ पुलिस के पास ले गए थे। आरोप था कि उसे पिटवाया गया। मां रेनू गुप्ता को भी थाने लाकर पूछताछ की गई थी।
पुलिस की पिटाई से 22 नवंबर को राजू गुप्ता की मृ़त्यु हो गई। परिजन ने हंगामा किया था। मां रेनू गुप्ता की शिकायत पर दरोगा अनुज सिरोही, कारोबारी अंशुल प्रताप, उसके बेटे विवेक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले में कई दिन तक आरोपी दरोग फरार रहा था। बाद में जेल भेजा गया था। विवेचना में हत्या की धारा को गैर इरादत हत्या की धारा में तरमीम कर दिया गया। इसके बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया।
मामले में परिजन की ओर से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई। आयोग के आदेश पर मार्च 2023 से विवेचना सीबीसीआइडी में चल रही है। केस की वादी रेनू गुप्ता की 10 महीने बाद मृत्यु हो गई थी। इसी तरह अक्तूबर 2021 में थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख की चोरी हुई थी। मामले में मुकदमा दर्ज किया गया।
पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ की गई। इसमें सफाई कर्मी अरुण भी शामिल थे। आरोप है कि उन्हें चाैकी अवधपुरी पर ले जाकर पीटा गया, जिससे जान चली गई। मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। दूसरे जिले के एसपी से जांच कराई गई। मगर, जांच में पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट मिल गई। पिटाई के साक्ष्य नहीं मिल सके।