इसकी वजह ये है कि वारदात के पूर्व अपराधी लापरवाह रहता है, जबकि वारदात के बाद चालाकी दिखाता है। पुलिस की ट्रिक सफल रही और दुबग्गा की अंधे की चौकी के पास ई-ऑटो साफ नजर आ गया। आरोपी दिनेश उसमें बैठता दिखा। डीसीपी पश्चिम ने बताया कि अंधे की चौकी के पास पुलिस को ई-ऑटो का सबसे साफ फुटेज हाथ लग गया। फुटेज में दोनों आरोपियों की धुंधली तस्वीर नजर आई।
मोबाइल टावर से मिले नंबरों से आरोपियों का पता चला साफ
फुटेज हाथ लगने के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आरोपियों की पहचान की। पुलिस ने इसके लिए सर्विलांस तकनी की मदद ली। अंधे की चौकी और घटनास्थल के पास लगे मोबाइल टावर से पुलिस ने घटना के वक्त एक्टिव मोबाइल नंबरों की सूची निकाली।
करीब पांच हजार मोबाइल नंबरों की सूची से पुलिस ने आरोपियों का मोबाइल नंबर तलाश निकाला जो दोनों ही जगह एक्टिव थे। इसके बाद आरोपी दिनेश व अजय की पहचान हुई। दिनेश का मोबाइल चालू था जिससे बृहस्पतिवार को पुलिस ने उसकी लोकेशन पता कर दबोच लिया।
घटना के बाद आरोपियों ने ऑटो पर लगवाया नंबर प्लेट
घटना में इस्तेमाल किए गए ई ऑटो पर घटना के वक्त नंबर प्लेट नहीं लगी थी। किसी भी सीसीटीवी कैमरे में ऑटो पर नंबर प्लेट नजर नहीं आया। पुलिस ने जब आरोपी दिनेश को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि बताया कि घटना के बाद उसने व अजय ने ई-ऑटो पर नंबर प्लेट लगाई थी।




