
प्रतीकात्मक तस्वीर
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राप्ती की धारा की तरह ही तराई की विचारधारा भी बदलती रही है। इनमें चुनावी नारों का अहम योगदान है, जिन्होंने नेताओं की तकदीर बनाई तो कुछ को सत्ता से बेदखल भी कर दिया। इस बार भी चुनावी नारे तैयार हैं। इन नारों में कौन डूबेगा किसकी नैया पार लगेगी, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है।
जिले के मतदाता कभी स्थिर नहीं रहे। पहले बलरामपुर अब श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के मतदाता हमेशा राप्ती की लहरों की तरह नया रास्ता तलाशते रहे। इसके लिए कभी वह सत्ता के साथ तो कभी सत्ता के विपरीत मतदान करने से भी नहीं झिझके, लेकिन हर बार के चुनाव में चुनावी नारों ने अपना असर दिखाया। 1962 के आम चुनाव रहे हों या फिर 1998 व 1999 का मध्यावधि चुनाव। सभी में तराई की तासीर नारों से ही बदलती रही।
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इन नारों ने बदली हवा
बलरामपुर लोकसभा सीट से 1957 में जनसंघ से चुनाव जीते पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने 1962 के आम चुनाव में कांग्रेस नेता सुभद्रा चौहान के विरुद्ध एक विवादित बयान दे दिया। इसके बाद कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया। पूरे चुनावी कैंपेन में नारा बुलंद रहा कि उहे चुनउवा उहे निशान, अटल बिहारी फिर बौरान। इस नारे ने अटल जी को करारी शिकस्त दिलाई। वहीं 1967 के चुनाव में जनसंघ का नारा बना दुगुर दुगुर दिया जले मूस लैगा बाती, अटल बिहारी हार गे सुभद्रा के जाती। इस चुनावी नारे ने अटल जी की चुनावी नय्या पार लगा दी।
1977 में राजा नहीं फकीर है, बलरामपुर की तकदीर है चुनावी नारे ने बलरामपुर की महारानी को बाहर का रास्ता दिखाया तो नानाजी देशमुख इसी नारे के बल पर सदन में पहुंच गए। 1998 में ऊपर भगवान नीचे रिजवान के नारे ने सपा से रिजवान जहीर को संसद पहुंचाया। 1999 में एक बार फिर सपा से रिजवान जहीर व भाजपा से कुशल तिवारी मैदान में उतरे। इस बार भाजपा जीत के करीब थी, लेकिन भाजपाइयों के जीतेंगे तो रंग चलेगा, हारेंगे तो बम चलेगा के नारे ने कुशल तिवारी को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
2004 में रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे के नारे ने बृजभूषण शरण सिंह को सदन भेजा। 2014 के मोदी लहर में अबकी बार भाजपा सरकार के नारे ने दद्दन मिश्रा को विजय श्री दिलाई, जबकि इसी सीट पर अबकी बार 300 पार, एक बार फिर से कमल दिल से के नारे ने दद्दन मिश्रा को बाहर का रास्ता दिखा दिया। तब मोदी लहर में भी मतदाताओं ने विपक्ष पर भरोसा जताते हुए सपा-बसपा गठबंधन पर भरोसा कर बसपा प्रत्याशी राम शिरोमणि वर्मा को विजय दिलाई।