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– फोटो : अमर उजाला
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ताजनगरी आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र में अधिवक्ता सुनील शर्मा की अपार्टमेंट से गिरकर मौत का मामला हो या फिर शाहगंज में पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के पौत्र दिव्यांश पर हत्या की कोशिश का मुकदमा, दोनों ही शहर के चर्चित मामलों में शुमार हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के शोर में दोनों ही मामले दबकर रह गए।
पुलिस की कार्रवाई भी ठंडी पड़ी है। हालांकि पुलिस व्यस्तता का हवाला देकर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ने बात कर रही। अधिवक्ता की मौत के केस की जांच सीबीसीआईडी को ट्रांसफर की गई थी, जबकि पूर्व मंत्री के पौत्र की गिरफ्तारी पंजाबी समाज के प्रदर्शन के बाद भी नहीं की जा सकी। ऐसे में पीड़ित परिवार भटकने को मजबूर हैं।
बीती एक मार्च की रात को मंगलम आधार अपार्टमेंट निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील शर्मा की एक मामले में गिरफ्तारी के लिए न्यू आगरा थाने की पुलिस ने दबिश दी। इसी दौरान अधिवक्ता आठवीं मंजिल से गिर गए थे। इस मामले में पुलिस धक्का देने का आरोप लगा।
मृतक की पत्नी ने दो दरोगा और 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ पति की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। मामले के बाद अधिवक्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। बाद में मामला सीबीसीआईडी ट्रांसफर कर दिया गया। केस की फाइल पहुंचने के बाद भी अब जांच शुरू नहीं हो सकी है।
शाहगंज में 15 अप्रैल को जूता कारोबारी और उनकी बेटी को कार से कुचलने का प्रयास किया गया। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया। इसका आरोप पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के पौत्र दिव्यांश पर लगा। इस मामले में थाना शाहगंज में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ।
पुलिस ने पूर्व मंत्री के आवास पर कई बार दबिश दी। इस दौरान पुलिस सिर्फ कार बरामद कर सकी। पुलिस ने आरोपी पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया। गैर जमानती वारंट भी जारी हुए। मगर, आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि अधिवक्ता की मौत के मामले की जांच सीबीसीआईडी को भेजी जा चुकी है। वहीं युवती को कार से कुचलने की कोशिश के मामले में आरोपी दिव्यांश की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी हैं।