Practice without coach...how will Bumrah and Virat become players?

मेजर ध्यानचंद स्टेडियम
– फोटो : अमर उजाला

संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में नवोदित क्रिकेट खिलाड़ी बिना कोच के ही अभ्यास में जुटे हैं। खिलाड़ियों और अभिभावकों ने कई बार शिकायतें कीं, लेकिन स्टेडियम प्रबंधन की ओर से कोई पहल नहीं की गई। अभिभावक भी कह रहे हैं कि बिना प्रशिक्षक के बच्चे कैसे विराट और बुमराह बनेंगे।

स्टेडियम में रोजाना सौ से अधिक खिलाड़ी अभ्यास करने आते हैं। इसके लिए वे मासिक शुल्क भी देते हैं। खेल की बारीकियां सिखाने के लिए कोच की नियुक्ति की गई थी, लेकिन पिछले तीन माह से कोच न होने के कारण युवा बिना प्रशिक्षक के ही अभ्यास करने को मजबूर हैं। यह स्थिति देख कई खिलाड़ियों ने तो स्टेडियम से दूरी बना ली, जबकि कुछ सीनियर खिलाड़ियों से बारीकियां सीख रहे हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि जैसे जिम ट्रेनर को खेल प्रोत्साहन राशि से भुगतान किया जाता है, उसी तरह क्रिकेट कोच की नियुक्ति कर भुगतान किया जा सकता है। झांसी डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अजय मिश्रा का कहना है कि मंडल स्तर के संस्थान में कोच का न होना गंभीर मामला है। खिलाड़ियों के भविष्य को देखते हुए स्टेडियम प्रबंधन को कोच की नियुक्ति के लिए पहल करना चाहिए। जिला क्रिकेट संघ के सचिव बृजेंद्र यादव का कहना है कि कोच न होने का सीधा असर खिलाड़ियों के भविष्य पर पड़ेगा।



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