संवाद न्यूज एजेंसी

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ललितपुर। विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली के तेल की मिलावट की खबर आने के बाद श्रद्धालु सतर्क हो गए हैं। हालांकि, यहां ऐसा कोई मंदिर नहीं है, जहां मंदिर समिति प्रसाद का वितरण करती हो। मंदिर के बाहर लगी दुकानों से मिष्ठान आदि सामग्री लेकर लोग मंदिर में चढ़ाते हैं। वही प्रसाद के रूप में उन्हें मिलता है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने अब तक इन दुकानों पर प्रसाद के रूप में बिकने वाली खाद्य सामग्री का नमूना नहीं लिया है।

मंदिरों के बाहर प्रसाद की दुकानें हैं। यहीं से श्रद्धालु लड्डू आदि खरीदकर मंदिरों में प्रसाद चढ़ाते हैं। प्रसाद शुद्ध है, यह देखना जरूरी है, लेकिन खाद्य विभाग ने तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद भी इसकी जांच करना जरूरी नहीं समझा। ज्यादातर मंदिरों के बाहर बिकने वाली मिठाइयों पर निर्माण व कालातीत होने की तिथि अंकित नहीं रहती, जबकि खाद्य सुरक्षा के मानकों में यह आवश्यक रूप से शामिल है। विभाग इन दुकानों पर छापामार कार्रवाई के लिए शासनादेश का इंतजार कर रहा है।

मंदिर के आसपास मिठाई की दुकानों के संबंध में शासन से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है। आदेश प्राप्त होते ही कार्रवाई की जाएगी।

विनोद शर्मा, सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय।



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