
प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : amar ujala
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उत्तर प्रदेश में लगने वाले प्रीपेड स्मार्ट मीटर के मामले में अब नया पेंच फंस गया है। मीटर के मूल्य को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच अब परफॉर्मेंस बैंक गारंटी का मामला भी उलझता नजर आ रहा है।
अब तक सिंगल फेस स्मार्ट प्रीपेड मीटर की चार दरें सामने आई हैं। इसमें पश्चिमांचल ने इनटेलीस्मार्ट कंपनी को 67 लाख मीटर का ऑर्डर 8415 रुपये प्रति मीटर की दर से दिया। फिर इसी क्षेत्र में जीएमआर को आगरा में 26 लाख मीटर 7557 रुपये की दर से, पूर्वांचल में इसी जीएमआर को 23 लाख मीटर 7308 रुपये की दर से, पूर्वांचल में ही दूसरा ऑर्डर जीएमआर को ही 27 लाख मीटर 7559 रुपये की दर से दिया गया। इस तरह पावर कॉरपोरेशन के अलग-अलग निगमों में स्मार्ट प्री पेड मीटर की दर भी अलग-अलग है। अभी मध्यांचल का टेंडर खुलना बाकी है। यह मुद्दा अभी सुलझ नहीं रहा है। इस बीच परफार्मेंस बैंक गारंटी का मामला सामने आ गया है।
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केंद्र सरकार के नियमों के तहत पहले टेंडर की कुल लागत का तीन प्रतिशत परफॉर्मेंस बैंक गारंटी जमा करना होता था। लेकिन, अप्रैल 2023 में नियमों में बदलाव हुआ और गारंटी बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद निजी घरानों ने विरोध शुरू कर दिया है।
पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने इस मामले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से सलाह मांगी। मंत्रालय की ओर से स्पष्ट जवाब देने के बजाय यह कह दिया गया है कि इस पर पावर कॉरपोरेशन फैसला ले। ऐसे में अब कंपनियां बैंक गारंटी कम कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं।
गुणवत्ता बनाए रखने के लिए बैंक गारंटी जरूरी
राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कॉरपोरेशन अध्यक्ष को पत्र भेजकर केंद्र सरकार के नियमों के तहत 10 फीसदी परफॉर्मेंस बैंक गारंटी बनाए रखने की मांग की है। दलील दी है कि बैंक गारंटी 10 फीसदी होने से आने वाले समय में कार्य की गुणवत्ता बनी रहेगी। किसी तरह की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।