
लठामार होली (फाइल फोटो)
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तीर्थनगरी मथुरा के नौहझील कस्बे के श्रीराधा-श्याम सुंदर मंदिर में लठामार होली का आयोजन 21 मार्च को किया जाएगा। यह निर्णय आयोजन समिति की बैठक में लिया गया। मंदिर में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
लठामार होली समिति के अध्यक्ष विनोद प्रधान ने बताया कि महोत्सव को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं। मंदिर प्रबंधक ईश्वर चंद्र शास्त्री ने बताया कार्यक्रम को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई हैं। मंदिर प्रांगण में होली खेलने वालों को अभ्यास कराया जा रहा है। 21 मार्च को निर्धारित चौक पर हुरियारे एवं हुरियारिनों की लठामार होली, श्री राधा-कृष्ण की फूलों की होली आदि के कार्यक्रम होंगे।
कई वर्षों से हुरियारे बन रहे ईश्वरचंद पाठक एवं अनिल शर्मा ने बताया हुरियारे श्रीकृष्ण के साथ सखा भाव को लेकर होली खेलती हैं। हुरियारिन अनीता पाठक एवं लता पाठक ने बताया हुरियारिनें श्रीराधारानी की सखी भाव में होली खेलती हैं। पूरन पाठक, जैकम पाठक, जवाहर कटारा, बबलू पाठक, नारायण वार्ष्णेय, अनिल ठाकुर, बब्बर पाठक, सोनू, रंजीत, मूला पाठक, रामवीर लवानिया, विष्णु आदि मौजूद रहे।
गिरिराज मंदिर में उड़ा अबीर गुलाल
राधाकुंड कस्बे के राधा-श्याम कुंड संगम स्थित गिरिराज मुखारविंद मंदिर में जमकर अबीर-गुलाल की वर्षा हुई। ठाकुरजी के आगे थालों में सजे गुलाल को भक्तों पर उड़ाया गया। कलाकारों ने होली के रसिया गायन से समा बांध दिया। भक्तों ने जमकर नृत्य किया। गिरिराज मंदिर के सेवायत मुरारी गोस्वामी ने बताया गिर्राज प्रभु भक्तों के साथ 40 दिन ब्रज में होली खेलते हैं। भक्तों ने कुंजन में होरी रे, श्याम पिया रसिया आदि रसिया गायन पर नृत्य किया।
19 को गरुण गोविंद मंदिर में हुरंगा
चौमुहां के गांव छटीकरा में परंपरागत हुरंगे का आयोजन 19 मार्च को होगा। ठाकुर गरुड़ गोविंदजी महाराज के मंदिर प्रांगण में ढोल-नगाड़ों की थाप पर हजारों भक्त हुरंगे के प्रत्यक्षदर्शी बनेंगे। होली की शुरुआत भक्तों द्वारा भगवान के समक्ष होली खेलकर की जाएगी। सेवायत पंडित दीपक गौतम ने बताया हुरंगा प्रत्येक वर्ष होलिकोत्सव से पूर्व पड़ने वाली एकादशी को खेला जाता है। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर हुरंगे की शोभा बढ़ाने को कहा है।