
प्रत्यक्षदर्शी शकुंतला
– फोटो : संवाद
विस्तार
उत्तर प्रदेश के एटा में दादी ने मन्नत मांगी थी कि अगर नातिन की शादी के लिए अच्छा लड़का मिल जाएगा तो वह भोलेबाबा के सत्संग में शामिल होकर सेवा करेंगी। कुछ समय पूर्व ही नातिन की शादी तय हुई थी। इसके बाद घर में शादी की तैयारियां चल रहीं थीं। इसी खुशी में मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ में हो रहे सत्संग में काल अलीगढ़ की गंगा देवी को ले आया। जहां मची भगदड़ के दौरान उनकी भी जान चली गई।
गांव ममौता थाना मडराक जिला अलीगढ़ निवासी शकुंतला ने बताया कि मोहल्ले की गंगा देवी पिछले 5 दिन से सत्संग में जाने के लिए उतावली हो रही थी। उसकी मन्नत पूरी हो गई थी, घर में नातिन की शादी की तैयारियां चल रही थी। उसने नातिन कूका से कहा कि तुम भी चलो बाबा के सत्संग में कोई और मनोकामना मांगोगी तो पूरी हो जाएगी। लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से कूका ने जाने से मना कर दिया।
गंगा देवी ने हम सब लोगों से कहा तो मंगलवार को गांव के लगभग 50 लोग सत्संग में साथ आए थे। वहां मची भगदड़ के चलते सब लोग इधर उधर भागने लगे, लेकिन गंगा देवी की नीचे दबकर मौत हो गई। इसके बाद सूचना मिलते ही शादी वाले घर में कोहराम मच गया। परिजन रोते-बिलखते सीधे एटा पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे।
अब कबहूं काऊ सत्संग में नाय जाऊंगी
शुकंतला देवी हादसे की बात बताते हुए सिहर उठीं। बोलीं कि इस सत्संग में आई थी कि कुछ ज्ञान की बातों को सुनकर लाभ मिलेगा। मगर यहां तो लोगों को मौत मिली। भगदड़ मचने के दौरान मेरी आंखों के सामने ही लोगों की जान जा रही थी। मैं भी इसी भीड़ में नीचे दब गई। साथ के लोगों ने किसी तरह से मुझे खींचकर बाहर निकाल लिया। बताते हुए आंखों से आंसू बहने लगे और शकुंतला देवी ने कहा कि अब कबहूं काऊ सत्संग में नाय जाऊंगी।