President Draupadi Murmu emphasis was on the upliftment of daughters, farmers and mute animals

राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री व आईवीआरआई के वैज्ञानिक
– फोटो : @rashtrapatibhvn


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आदिवासी मूल और वंचित वर्ग की बेटी से भारत गणराज्य के राष्ट्रपति तक का सफर तय करने वाली द्रौपदी मुर्मू के दिल में शोषित वर्ग का दुश्वारियों भरा जीवन जीवंत है। शायद तभी उनके भाषण के केंद्र में बेटियों, किसानों और बेजुबान पशुओं का ही जिक्र रहा। बरेली में सोमवार को आईवीआरआई के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने गांव, गरीब को लेकर चिंता जताई और नए पशु चिकित्सकों व वैज्ञानिकों को प्रेरित किया कि वह इनके उत्थान के लिए काम करें। मुख्यमंत्री समेत अन्य वक्ताओं ने भी आखिरी पंक्ति के व्यक्ति तक पशु स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने पर जोर दिया।

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डिग्री लेने वालों में छात्राओं की ज्यादा संख्या देखकर राष्ट्रपति ने खुशी जताई। उन्होंने कैटल शेड की चर्चा करते हुए कहा कि पुराने समय से ही देखा जा रहा है कि पुरुष खेती व अन्य बाहरी काम करते थे और परिवार में मां-बहनें गायों की सेवा करती थीं। पशुओं से माता-बहनों का जुड़ाव नया नहीं है। पशु चिकित्सा के क्षेत्र में बेटियों का जुड़ाव देखकर उन्हें अच्छा लग रहा है। उन्हें यकीन है कि महिलाएं पशु रोगों के निदान में ज्यादा सेवाभाव से काम कर सकती हैं। छात्राओं से कहा कि जब आप लोगों ने भविष्य के लिए पशु सेवा का ध्येय चुन लिया है तो पूरे मन से इनके कल्याण के लिए काम कीजिए।

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