
प्रियंका गांधी की रैली
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प्रियंका गांधी यूपी कांग्रेस के पद से अलग हो गई हैं। लंबे समय से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि वह इस पद में काम करने को लेकर इच्छुक नहीं हैं। बीते कुछ महीनों से प्रियंका गांधी दूसरे राज्यों में तो सक्रिय रही हैं लेकिन उनका यूपी आना-जाना कम होता गया। मीडिया में खबरें यह भी थीं कि प्रियंका पहले ही यूपी प्रभारी पद से इस्तीफा दे चुकी हैं बस उसे औपचारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया गया। शनिवार को हुए संगठन के फेरबदल में यह औपचारिकता पूरी हो गई। प्रियंका गांधी की जगह अविनाश पांडेय को पार्टी का प्रभार दिया गया है। अविनाश इसके पहले राजस्थान के प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं। इस समय वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं।
उम्मीदों के साथ आई थीं प्रियंका
प्रियंका गांधी को 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले यूपी का प्रभार दिया गया था। पार्टी ने प्रदेश को दो हिस्सों में बांटा था। पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया थे और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी। 2019 के चुनाव में पार्टी सिर्फ एक सीट जीत सकी। उस समय के कांग्रेस अध्यक्ष अपनी सीट अमेठी से हार गए। पार्टी सिर्फ रायबरेली की सीट जीतने में सफल रही। यहां से सोनिया गांधी जीतीं जरूर पर उनकी जीत का अंतर पहले की जीतों से कम हो गया। पार्टी का प्रदर्शन दयनीय रहा। ज्योतिरादित्य सिंधिया बाद में इस पद से अलग हो गए। इसके बाद प्रियंका के पास पूरे प्रदेश का कार्यभार रहा।
विधानसभा चुनाव प्रियंका के बूते
2022 का विधानसभा चुनाव अकेले प्रियंका गांधी के बूते लड़ा गया। टिकट वितरण उन्हीं के अनुसार हुआ। चुनाव प्रचार की पूरी कमान प्रियंका के हाथ में थी। 2017 से उलट पार्टी इस बार गठबंधन के बिना अकेले चुनाव मैदान में उतरी। प्रियंका ने माहौल भी बनाया। उन्होंने प्रदेश में रिकॉर्ड सभाएं कीं। पर जब परिणाम आए तो निराशा हाथ लगी। पार्टी को विधानसभा में सिर्फ दो सीटें प्राप्त हुईं। 2022 के चुनाव परिणामों के बाद प्रियंका का रुझान यूपी की तरफ से कम हो गया। इस बीच लगातार इस बात की खबरें आती रहीं कि प्रियंका इस पद से अलग हो चुकी हैं। प्रियंका दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए तो गईं लेकिन उनके यूपी में दौरे कम हो गए। यहां तक कि सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भी प्रियंका बीते दो सालों में गिने-चुने बार ही गई हैं।
लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा
प्रियंका गांधी के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि प्रियंका सोनिया गांधी की सीट रायबरेली या राहुल गांधी की सीट अमेठी से चुनाव लड़ सकती हैं। इंडिया गठबंधन की पिछली बैठक में प्रियंका को मोदी के सामने वाराणसी से लड़ाने की चर्चाएं भी उठी थीं। हो सकता है कि प्रभारी पद छोड़ने के पीछे एक वजह यह भी हो कि पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में उनका उपयोग पूरे देश में प्रचार करने में करना चाहती हो।