Purvanchal University discovered ultrasonic non-destructive method

अल्ट्रासोनिक डिवाइस।
– फोटो : अमर उजाला

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आने वाले दिनों में हाई पावर महंगी दवाओं पर आश्रित रहने वाले मरीजों को राहत मिलेगी। उन्हें नई तकनीकी की मदद से कम पावर की दवा ज्यादा राहत देगी। खुराक भी कम खानी पड़ेगी। साथ ही साथ ये दवा सस्ती भी पड़ेगी। यही ही नहीं, किसी बीमारी के चलते शरीर में कोई अंग प्रत्यारोपित किया जाएगा तो उसकी कार्य अवधि भी बढ़ जाएगी। ऐसा अल्ट्रासोनिक नॉन डिस्ट्रक्टिव विधि से संभव हो सकेगा।

इस विधि की खोज पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रज्जू भैया संस्थान के प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने अपने सहयोगियों के साथ की है। इसको पेटेंट कराने की प्रक्रिया चल रही है। प्रो. प्रमोद ने बताया कि इस विधि से नैनो पार्टिकल तकनीक से दवाइयों की क्षमता बढ़ाई या घटाई जा सकती है। इस विधि के बाजार में आने से मरीजों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध होंगी जो कम मात्रा में खानी होगी लेकिन इसका असर हाई पावर दवाओं की तरह ज्यादा होगा।

 

डॉ. प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि अल्ट्रासोनिक नॉन डिस्ट्रक्टिव विधि से नैनो पार्टिकल के अनुप्रयोगों पर एक शोध किया है। इसमें ऐसे पदार्थ की खोज हुई है जो एक निश्चित दबाव पर रखने पर उसकी सक्रियता कई गुना बढ़ जाती है। इस विधि का प्रकाशन रिसर्च सोसाइटी ऑफ केमिकल जर्नल में किया गया है।

इसमें जिंक ऑक्साइड नैनो ट्यूब का प्रयोग इंडस्ट्रीज और मेडिकल के फील्ड में जैविक संवेदक नैनो मेडिसिन बनाने तथा इसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया है। अल्ट्रासोनिक नॉन डिस्ट्रक्टिव विधि से ऐसी दवाइयां को बनाया जाएगा जिसकी क्षमता ज्यादा होगी और मरीजों को इस लंबे समय के सेवन के दौरान कम मात्रा में लेनी होगी।



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