मथुरा के फरह के गांव पींगरी में श्मशान घाट न होने से परिजनों के सामने इसके अलावा कोई चारा नहीं था। ग्राम प्रधान बोले- कई बार अधिकारियों से कहा गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

 


rain and helplessness of family tarpaulin had to be used for the last rites village in Mathura

अंतिम संस्कार के लिए लगानी पड़ी तिरपाल
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


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गांवों में श्मशान स्थल बनवाने के लिए सरकार जहां गंभीर है तो वहीं मथुरा के एक गांव में बारिश के बीच तिरपाल तानकर महिला का अंतिम संस्कार करना पड़ा। गांव में श्मशान स्थल नहीं है। ग्रामीणों के सामने इस तरह से अंतिम संस्कार करने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया था। जबकि सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां श्मशान स्थलों को अतिक्रमण मुक्त और चहारदीवारी करने के आदेश दे रहे हैं, वहीं अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।

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