संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Fri, 06 Sep 2024 06:52 AM IST

कासगंज। जिले में अगस्त माह में औसत से 16 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मानसून के रूठ जाने से फसलों के सूखने का खतरा बढ़ गया है। इससे किसान के माथे पर चिंता की लकीरें है। जिले में 1.08 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की फसल बोई गई है। जिले में जून से लेकर सितंबर माह तक मानसून का सीजन रहता है।। इस बार जून माह में मानसून ने समय से दस्तक दे दी। जून माह में औसत की लगभग तीन गुनी बारिश हुई। जुलाई माह में भी औसत से अधिक बारिश हुई। इससे मूंगफली सहित अन्य फसलें प्रभावित हो गई। किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। बारिश के चलते जून माह में जिससे इस माह में औसत से अधिक बारिश हुई। अच्छी बारिश होने से धान उत्पादक किसान ने समय से अपनी फसल की बोआई कर दी। जबकि मक्का, बाजारा, दलहन, तिलहन सहित अन्य फसलें उगाने वाले किसानों के लिए दिक्कतें हुई। इन किसानों ने जैसे तैसे अपनी फसल तैयार कर ली, लेकिन अगस्त माह आते आते मानसून किसान को आंखें दिखाने लगा। इस माह में औसत से 16 प्रतिशत कम बारिश हुई। सितंबर माह के पहले पांच दिन में भी जिले में अपेक्षाकृत बारिश नहीं हुई है। खरीफ की फसल पूरी तरह से बारिश पर निर्भर रहती है। बारिश नहीं होने का असर तापमान पर भी देख जा रहा है। पिछले दिनों मौसम में काफी गर्मी बढ़ गई। इससे फसलों पर असर पड़ने लगा।