Rajya Sabha elections: BJP will have to struggle for nine votes and SP for two, Sanjay Seth made the contest i

सांकेतिक तस्वीर

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राज्यसभा चुनाव में भाजपा को अब आठवीं सीट के लिए नौ वोट और सपा को तीसरी सीट के लिए दो वोट के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। दस सीट के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा ने आठवां प्रत्याशी उतार कर मुकाबला रोचक बना दिया हैं।

विधानसभा में अभी 403 में से 399 विधायक हैं। दस सीट के लिए हो रहे चुनाव में एक प्रत्याशी को जिताने के लिए 37 वोट की आवश्यकता है। एनडीए को आठ सीट जीतने के लिए 296 मत चाहिए। उनके पास करीब 287 मतों का इंतज़ाम है। इसे में भाजपा को संजय सेठ को राज्य सभा भेजने के लिए 9 वोट और चाहिए। वहीं सपा के पास 108 वोट हैं. लेकिन उनके दो विधायक जेल में बंद हैं। उन्हें मतदान की अनुमति मिलने पर संशय हैं। सपा को तीसरा जिताने के लिए 111 वोट चाहिए। यदि कांग्रेस के दो वोट सपा को मिलते हैं तो भी 3 अतिरिक्त वोट चाहिए।

भाजपा के वोटों का गणित

भाजपा – 252

अपना दल एस – 13

राष्ट्रीय लोकदल – 9

सुभासपा – 6

निषाद पार्टी – 6

एनडीए के पास कुल वोट 286

सुभासपा के अब्बास अंसारी जेल में बंद हैं. लिहाजा एनडीए के पास कुल 285 वोट हैं।

भाजपा को लोकतान्त्रिक दल जनसत्ता के 2 वोट मिल सकते हैं।

इस तरह भाजपा के पास कुल 287 वोट का गणित हैं।

तीन विधायक जेल में बंद है

इसमें सुभासपा के अब्बास अंसारी जेल में हैं। यदि उन्हें जेल से आकर वोट देने की अनुमति मिलती हैं तो ही वे मतदान कर सकेंगे। अब्बास को मंजूरी मिली तो जेल में बंद सपा के विधायक इरफ़ान सोलंकी और रमाकांत यादव को भी जेल से आकर वोट डालने की मंजूरी मिलेगी। ऐसे में सम्भावना जताई जा रही है कि सरकार जेल में बंद विधायकों को वोट देने की मंजूरी का विरोध करे।

बसपा का रुख तय नहीं, पहले दे चुकी है भाजपा को समर्थन

राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी किस दल के प्रत्याशी को समर्थन देगी, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है। बता दें कि वर्तमान में बसपा का केवल एक विधायक है, हालांकि राज्यसभा चुनाव में 11 प्रत्याशी उतरने के बाद बसपा विधायक का वोट भी निर्णायक साबित हो सकता है। ध्यान रहे कि वर्ष 2020 में विधान परिषद चुनाव में बसपा ने भाजपा को समर्थन देने का निर्णय लिया था।

बसपा सुप्रीमो ने सपा पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सपा को हराने के लिए अगर भाजपा को वोट देना पड़े तो वह तैयार हैं। दरअसल बसपा सुप्रीमो ने सपा द्वारा सात विधायकों को तोड़ने से नाराज होकर विधान परिषद चुनाव में सपा को हराने का फैसला लिया था। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि किस दल को समर्थन देना है, यह तय नहीं है। पार्टी द्वारा जो भी निर्देश दिया जाएगा, उसके मुताबिक वोट देंगे।



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