
मुरादाबाद में बिक रहे राममंदिर के मॉडल
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अयोध्या में जैसे-जैसे प्राण प्रतिष्ठा समारोह का समय नजदीक आ रहा है, शहरवासी भगवान श्रीराम की भक्ति में डूब रहे हैं। मंदिरों में दीपोत्सव धूमधाम से मनाने के लिए जबरदस्त तैयारी की जा रही है। राष्ट्रीय पुजारी परिषद के पदाधिकारी मंदिर-मंदिर संपर्क कर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
संस्थापक का कहना है कि शहर में करीब दो सौ मंदिरों में दीपोत्सव मनाने की योजना बनाई जा रही है। राष्ट्रीय पुजारी परिषद के संस्थापक श्याम कृष्ण रस्तोगी ने कहा कि 20 सितंबर 2023 को मैं अयोध्या गया था। वहां पर देशभर से प्रांतों के संत संपर्क प्रमुख आए थे। वहां पर बैठक हुई थी और तभी 22 जनवरी 2024 को भव्य रूप से दीपोत्सव मनाने की योजना बनाई गई थी।
जनवरी की शुरुआत से ही मैंने और परिषद के पदाधिकारियों ने मंदिरों में पुजारियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। दो घंटे सुबह और चार घंटे शाम को प्रतिदिन मंदिर जाते हैं। अब तक शहर के 150 मंदिरों में संपर्क हो चुका है। ये वो मंदिर हैं, जहां पर हिंदू आबादी कम है और वहां दीपोत्सव के लिए प्रेरित करना बहुत जरूरी है।
रामगंगा विहार, टीडीआई सिटी, बुद्धि विहार, दीनदयाल नगर आदि क्षेत्र हिंदू बहुल इलाके होने की वजह से यहां पर माेहल्ले और कॉलोनीवासी व पुजारी स्वयं ही दीपोत्सव मनाने के लिए उत्सुक हैं।
बंद मंदिरों में की जा रहीं विशेष व्यवस्था
श्यामकृष्ण रस्तोगी ने बताया कि गलशहीद में एक, पीर गैब में चार, भूड़ा चौराहा में एक और दौलत बाग में तीन मंदिर हैं, जहां ताला लगा हुआ है। इन मंदिरों में ताला खुलवाकर एक दिन पहले साफ-सफाई करवाई जाएगी और 22 जनवरी को दोपहर में जाकर पूजन किया जाएगा और शाम को दीये जलाए जाएंगे।
कानून गोयान, चौरासी घंटा, बरादरी, मकबरा, किसरौल,नागफनी, गुलाबबाड़ी, असालतपुरा में कुछ ऐसे मंदिर हैं, जहां आसपास सिर्फ तीन या चार परिवार ही हैं। उन लोगों को प्रेरित कर पूजन करवाया जाएगा।
हिंदू बहुल इलाकों में तो श्रद्धालु स्वयं ही पूजा करेंगे। लेकिन प्रशासन उन क्षेत्रों के मंदिरों में पूजा की व्यवस्था करवाए, जहां पर हिंदू परिवार बहुत कम रह गए हैं। हमने 150 मंदिरों में प्रयास किया है। यहां पर दीया जलाने और पूजन के लिए पुजारी, मोहल्ले या बाजार के लोगों को प्रोत्साहित किया गया है। अन्य करीब 50 मंदिर होंगे, जहां पर यह पूजन होगा। -श्यामकृष्ण रस्तोगी, संस्थापक, राष्ट्रीय पुजारी परिषद