
अब रोशनी में भी भव्य दिखेगा राम मंदिर।
– फोटो : सोशल मीडिया
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राममंदिर की भव्य नक्काशी रात में भी झलकेगी। इसके लिए सिंहद्वार से लेकर राममंदिर के अग्रभाग पर अलग-अलग तरह की प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। राममंदिर की फसाड लाइटिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर की होगी। इसको लेकर कई कंपनियों ने रविवार को मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था टीसीएस के इंजीनियरों के सामने प्रस्तुतीकरण भी दिया।
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राममंदिर निर्माण समिति की बैठक रविवार को शुरू हुई। बैठक से पहले नृपेंद्र मिश्र ने राममंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के बाद बैठक में निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि राममंदिर की प्रकाश व्यवस्था अद्भुत होगी। राममंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार सिंहद्वार व मंदिर के मुखड़े यानी अग्रभाग की प्रकाश व्यवस्था अलग-अलग तरह की होगी। राममंदिर के स्तंभों पर देवी-देवताओं सहित रामकथा के प्रसंगों पर आधारित मूर्तियां उकेरी गई हैं, भव्य नक्काशी की गई है। यह नक्काशी रात में भी झलके इसलिए अद्भुत प्रकाश व्यवस्था को लेकर मंथन किया जा रहा है।
इसी क्रम में रविवार को कई लाइट कंपनियों ने प्रेजेंटेशन दिया है। सिंहद्वार पर तरह-तरह की रोशनी बिखेर कर सभी ने अपनी-अपनी खासियत बताई है। यही नहीं प्रकाश के माध्यम से रामकथा भी राममंदिर की दीवारों पर झलके ऐसा प्रयास होगा। पर्व पर मंदिर की प्रकाश व्यवस्था अन्य दिनों की अपेक्षा भव्य होगी, इस पर भी मंथन हुआ है। हालांकि अभी किसी कंपनी का चयन नहीं हुआ है। जल्द ही कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। बैठक में राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, महासचिव चंपत राय, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित कार्यदायी संस्थाओं के इंजीनियर मौजूद रहे।
परकोटे के चार मंदिरों का 70 फीसदी काम पूरा
डॉ़ अनिल ने बताया कि बैठक में परकोटा के निर्माण की समीक्षा की गई है। परकोटा में छह मंदिर बन रहे हैं जिनमें से चार मंदिरों का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जबकि दो मंदिरों का निर्माण कार्य अभी महज 20 फीसदी पूरा हुआ है। प्रथम तल में सफेद संगमरमर बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। साथ ही राममंदिर के शिखर व गुढ़ी मंडप का निर्माण कार्य दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
नवंबर तक बन जाएगा शेषावतार भगवान का विग्रह
राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राममंदिर के दक्षिण-पश्चिम में शेषावतार मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। शेषावतार लक्ष्मण जी को कहा जाता है। इसलिए प्रयास किया जा रहा है कि शेषावतार मंदिर की ऊंचाई रामलला के आसन के बराबर हो। वास्तु की दृष्टि से भी इसे उचित माना जा रहा है। बताया कि शेषावतार के विग्रह के निर्माण का काम शुरू हो चुका है। विग्रह संगमरमर का होगा और नवंबर तक बनकर अयोध्या पहुंच जाएगा। बताया कि प्रथम तल पर इस तरह का निर्माण कार्य चल रहा है कि वहां कोई बालक पहुंच जाए तो उसके गिरने की संभावना नहीं रहेगी। सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाई जा रही है। बताया कि सभी कार्यों की समय सीमा 31 दिसंबर तय की गई है।