Foreigners will also be able to give money for Ram temple construction.

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का एक दृश्य।
– फोटो : amar ujala

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विदेश में रहने वाले रामभक्त भी अब जल्द ही राममंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण कर पाएंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नवंबर तक विदेशी दान लेने में सक्षम हो जाएगा। ट्रस्ट की ओर से एफसीआरए में पंजीकरण का आवेदन पहले ही किया जा चुका है।

ट्रस्ट ने राममंदिर निर्माण के लिए वर्ष 2021 में निधि समर्पण अभियान चलाया था। पूरे देश में चले इस अभियान में मंदिर निर्माण के लिए रामभक्तों ने करीब 3500 करोड़ का दान किया था। उस समय विदेशी रामभक्त मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण नहीं कर पाए थे, क्योंकि ट्रस्ट विदेशी दान लेने में सक्षम नहीं था। जब तक गृहमंत्रालय की ओर से ट्रस्ट का पंजीकरण एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) के तहत नहीं हो जाता, तब तक ट्रस्ट विदेशी श्रद्धालुओं से सहयोग राशि स्वीकार करने में असमर्थ है।

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श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि आए दिन विदेशी भक्तों का फोन निधि समर्पण करने की मंशा से आता है, लेकिन जब उन्हें मना किया जाता है तब वे निराश हो जाते हैं। बताया कि अब विदेशों में रहने वाले रामभक्तों को जल्द ही निधि समर्पण करने की सुविधा मिल सकेगी।

ट्रस्ट ने एफसीआरए में पंजीकरण के लिए आवेदन कर दिया है, उम्मीद है कि नवंबर तक पंजीकरण हो जाएगा। पंजीकरण होते हुए भक्त राममंदिर के लिए अपना अंशदान दे सकेंगे। बताया कि इसके लिए नई दिल्ली स्थित स्टेट बैंक पार्लियामेंट स्ट्रीट शाखा में खाता भी खोला जा चुका है। विदेशी दान इस खाते में स्वीकार किया जाएगा।

हर माह आ रहा करीब 1.5 करोड़ दान

– श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए हर माह करीब 1.5 करोड़ का दान आ रहा है। बताया कि गर्भगृह में रखे दानपात्र से हर माह औसतन 60 से 70 लाख का चढ़ावा प्राप्त हो रहा है। इसी तरह ट्रस्ट कार्यालय व दर्शनमार्ग पर बने काउंटर पर हर करीब डेढ़ से दो लाख की नकदी आ रही है। ऑनलाइन माध्यमों सहित चेक, आरटीजीएस के जरिए भी भक्त दिल खोलकर दान दे रहे हैं। इसके अलावा भारी मात्रा में सोने-चांदी का दान भी भक्तों द्वारा किया जाता है।



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