
रामपुर में सड़क हादसे में तीन की मौत
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स्वार के नानकार रानी गांव के आसिफ (19) और लोहर्रा इनायतगंज के साजिद (19) की दुर्घटना में मौत से दोनों परिवारों में मातम पसर गया। दोनों युवक अपने परिवारों में सबसे छोटे थे। इनकी आपस में गहरी दोस्ती थी। हादसे के दौरान दुनिया दोनों को एक साथ अलविदा कह गए। नानकार रानी का आसिफ अपने माता-पिता की छह संतानों में सबसे छोटा था।
शनिवार की सुबह वह अपनी बीमार मां को बाजपुर से दवा दिलाकर लाया था। कुछ देर बाद ही उसके जीजा समीर ने कॉल की थी कि वह उसके भाई सरफराज और गांव निवासी साजिद को टांडा तक छोड़ आए, जहां से यह दोनों चेन्नई जाने को दिल्ली के लिए बस पकड़ेंगे।
वह सरफराज और साजिद के साथ टांडा के लिए निकला। बाइक सरफराज चला रहा था। सरकथल गांव के पास हादसे का शिकार हो गए जिसमें साजिद और आसिफ की मौत हो गई। दोनों आपस में एक बिरादरी के होने के अलावा गहरे दोस्त भी थे। आसिफ के दो भाई नाजिम और हाशिम हरियाणा के हिसार में सिलाई का काम करते हैं।
आसिफ भी उनके साथ रहकर सिलाई का कार्य करता था जो कुछ दिन पहले ही घर आया था। आसिफ की मौत की खबर सुनते ही दोनों भाई घर के लिए चल पड़े हैं। सबसे बड़ा भाई आरिफ पीओपी का कार्य करने के लिए देहरादून गया हुआ है। वह भी घर के लिए निकल पड़ा।
इस बीच आसिफ की मां, बाप और बहनों का रोते-रोते बुरा हाल है। उधर लोहर्रा इनायतगंज में साजिद भी अपने परिवार में सबसे छोटा है। जब वह पांच-छह वर्ष का था तब माता का निधन हो गया था।
बड़ा हुआ तो पिता ने हेयर कटिंग का काम सिखाया वह चेन्नई में किसी सैलून पर काम करने के लिए जा रहा था और सड़क हादसे में जान गंवा बैठा। पिता मेहनत मजदूरी करके परिवार पाल रहे थेञ अब साजिद ने कमाना शुरू किया तो उसकी मौत ने पिता मोहम्मद उमर की कमर तोड़ दी।