
मुरादाबाद में चांद दिखने के बाद
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मुकद्दस माह रमजान के चांद का दीदार सोमवार शाम हो गया। मुरादाबाद शहर इमाम हकीम सैयद मासूम अली आजाद ने चांद दिखने की पुष्टि की। उन्होंने इसका एलान भी किया। नायब शहर इमाम सैयद फहद अली की ओर से भी सोशल मीडिया के माध्यम से चांद दिखने की पुष्टि की गई।
इसी के साथ लोगों ने एक दूसरे को रमजान की मुबारकबाद देना शुरू कर दिया। मस्जिदों में तरावीह की नमाज के लिए लोग पहुंच गए। बाजार में सहरी की तैयारी के लिए लोग सामान खरीदते देखे गए। इसके चलते फल व खाद्य पदार्थों की दुकानों पर भीड़ रही। मुकद्दस रमजान का महीना मंगलवार से शुरू हो जाएगा।
इस महीने को लेकर मुस्लिम समुदाय में उत्साह है। इस बार पहला रोजा सबसे कम 13 घंटे 20 मिनट का होगा जबकि आखिरी रोजा सबसे ज्यादा 14 घंटे 12 मिनट का रहेगा। उलमा का कहना है कि रोजे में इबादत पर ज्यादा जोर दें, शरीर को तकलीफ देने वाले कामों से बचें।
बालिग लड़के और लड़कियों से लेकर सभी उम्र के लोगों पर रोजा रखना फर्ज होता है। जबकि रोजा इस्लाम के पांच बुनियादी फर्ज में एक रोजा भी है। जो हर मुसलमान पर फर्ज किया गया है। मुसलमानों के लिए रमजान का महीना बहुत ही पाक (पवित्र) माना जाता है।
इसलिए मुस्लिम लोग रमजान के पूरे महीने रोजा रखते हैं, जकात देते हैं और पांचों वक्त की नमाज अदा करते हैं। रमजान के महीने में अल्लाह की इबादत करने का 70 गुना ज्यादा सवाब मिलता है। स्वार नगर निवासी मौलवी फैजान अहमद नईमी ने बताया कि वैसे तो नमाज सभी मुसलमान पर फर्ज है लेकिन रमजान में नमाज पाबंदी से अदा करें और कुरान खूब पढ़ें।
मौलवी फैजान बताते हैं कि इस मुकद्दस माह में ईशा की फर्ज नमाज के बाद तरावीह की नमाज में कुरान पाक एक बार सुनना या पढ़ना सुन्नत है। बताते हैं कि एक रोजे की पूरी एक तरावीह (20) रकअत अदा की जाए। वहीं उन्होंने कहा कि रोजा रखने के लिए सहरी खाना सुन्नत है। इस लिए सहरी हरगिज न छोड़ें।