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रंगभरी पर भक्त श्री काशी विश्वनाथ के संग गुलाल की होली खेलेंगे। बाबा को पहला गुलाल अर्पित करने के बाद भक्त होली खेलने की अनुमति लेंगे। इसके साथ ही काशी में होली का उल्लास बिखरने लगेगा। 20 मार्च को रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के साथ ही मंदिर चौक पर सांस्कृतिक आयोजन भी होंगे।
इससे पहले मंगलवार को रंगभरी एकादशी के लिए मंदिर क्षेत्र में बैरिकेडिंग लगाने का काम किया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल एकादशी पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में भीड़ प्रबंधन के इंतजाम किए गए हैं। शाम को मंदिर चौक पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसकी शुरुआत दुर्गा लाल प्रसन्ना के शहनाई वादन से होगी।
दूसरी प्रस्तुति रुद्र शंकर मिश्र के कथक और इसके बाद शक्ति मिश्रा का उपशास्त्रीय गायन होगा। ममता शर्मा और डॉ. अर्चना म्हस्कर का उपशास्त्रीय गायन, सरोज वर्मा का भजन, राहुल रोहित मिश्र का शास्त्रीय व उपशास्त्रीय गायन, दिव्या दुबे का भजन, अविनाश मिश्र व पुनीत जेटली के भजन की प्रस्तुतियां होंगी।