Rare decision of the court: The court considered a 15-year-old guilty of raping a three-year-old innocent chil

कोर्ट का फैसला।
– फोटो : अमर उजाला

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 तीन साल की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म के दोषी 15 साल के शुभम रावत को लखनऊ की पॉक्सो अदालत ने वयस्क मानते हुए उसके खिलाफ 20 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जिसे पीड़िता को दिया जाएगा। जुर्माना न देने पर दोषी को तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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पॉक्सो अदालत के विशेष न्यायाधीश विजेन्द्र त्रिपाठी ने शुभम रावत के मामले में सोमवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने लखनऊ के मोहन रोड स्थित किशोर न्याय बोर्ड के निर्णय का संज्ञान लेते हुए दोषी को कठोरतम सजा सुनाई। अपराध करते समय शुभम की आयु 15 साल थी जिसके आधार पर उसे किशोर न्याय बोर्ड भेज दिया गया था। बोर्ड ने अपराधी की मानसिक और शारीरिक क्षमता और अपराध के परिणामों को समझने की क्षमता समेत कई कारणों को देखते हुए मनोवैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत अन्य अधिकारियों की कमेटी से मामले का परीक्षण कराने का निर्णय लिया।

कमेटी ने जांच कर 11 नवंबर 2019 को मामले की रिपोर्ट देते हुए कहा कि अपराधी मानसिक रूप से परिपक्व है। उसमें अपराध के कार्यों के प्रति समझ है लेकिन उसके परिणाम को समझने की क्षमता नहीं दिखती। कमेटी के निर्णय को आधार मानकर अदालत ने दुर्लभतम अपराध के लिए 20 साल की कठोर सजा सुनाई। दोषी को लखनऊ की जिला जेल में भेज दिया गया है।



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