Re-packing of expired medicines Big revelation in black marketing of medicines supplied by military

एक्सपायरी दवाएं। संवाद

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आगरा पुलिस की पूछताछ में सैन्य आपूर्ति की दवाओं की कालाबाजारी में बड़ा खुलासा हुआ है। यह रैकेट एक्सपायर्ड दवाओं को री-पैक कर भी खपाता था। रैकेट से जुड़े 8 दवा विक्रेता औषधि विभाग के रडार पर हैं। इनके लाइसेंस समेत अन्य रिकाॅर्ड खंगाले जा रहे हैं। इनकी दुकानें बंद मिली हैं।

सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि बुधवार को सैन्य आपूर्ति की दवाओं की कालाबाजारी करने वाला रैकेट पकड़ा गया था। पुलिस ने मुख्य सरगना कोतवाली निवासी फरहान बेग समेत 7 को गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे एक्सपायर्ड, सैंपल की दवाओं की री-पैकिंग भी करते थे। इसको एजेंट के जरिए आसपास के राज्यों में फुटकर-थोक दवा विक्रेताओं को फर्जी बिल-फर्म के नाम पर खपाते थे।

पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर आगरा, मैनपुरी, मथुरा और फिरोजाबाद के औषधि निरीक्षकों को जांच में लगाया है। ऐसे 7-8 विक्रेता रडार पर हैं। इनकी स्टोरों पर ताला लगा है। इनके गोदाम भी होने की आशंका है, जिसमें ये री-पैक करने के बाद बाजार में दवाएं खपाते हैं।

आगरा के ये बड़े मामले:

2023: विजय गोयल ने जगदीशपुरा, बिचपुरी क्षेत्र में खांसी के सिरप की नकली फैक्टरी पकड़ी। 6 करोड़ की दवाएं और मशीनें जब्त कीं।

2021: आवास विकास कॉलोनी के सुधीर राजौरा, प्रदीप राजौरा की मथुरा में एक्सपायर्ड दवाओं की री-पैकिंग की फैक्टरी पकड़ी।

2021: गढ़ी भदौरिया में अवैध तरीके से सर्जिकल सामान बनाने की फैक्टरी पकड़ी, इसका संचालक राजन अग्रवाल मौके से भाग गया था।

2020: कमला नगर के पंकज गुप्ता अंतरराज्यीय गैंग पकड़ा। सरकारी, मानसिक रोग की दवाएं, सैंपल की दवाओं की कालाबाजारी करता था।

2020: कमला नगर के विक्की अरोड़ा, कपिल अरोड़ा के पंजाब पुलिस ने नशे के लिए दवाओं की कालाबाजारी के लिए पकड़ा, दो गोदाम सील किए।

 



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