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अंकित यादव की फाइल फोटो – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आईआईटी से पीएचडी कर रहे छात्र अंकित यादव के आत्महत्या करने की वजह दूसरे दिन भी स्पष्ट नहीं हो सकी है। हालांकि मंगलवार को नोएडा से पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे मृतक के परिजनों ने गाइड पर कुछ सवाल उठाए हैं। साथ ही कहा है कि अंतिम क्रियाकर्म के बाद आगे का फैसला लेंगे। चूंकि उन्होंने अभी तक पुलिस को लिखित या मौखिक रूप से कोई शिकायत नहीं की है। ऐसे में पुलिस भी फिलहाल जांच को आगे बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही।
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नोएडा के सेक्टर 71 स्थित जागृति अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 399 डी निवासी रामसूरत यादव का बेटा अंकित आईआईटी से केमिस्ट्री में पीएचडी कर रहा था। सोमवार को अंकित ने कैंपस स्थित हाॅस्टल के कमरे में फंदा लगा लिया था। चाचा प्रदीप यादव ने बताया कि अंकित का परिवार मूल रूप से आजमगढ़ जिले के फूलपुर का रहने वाला है। करीब डेढ़ दशक से राममूरत यादव नोएडा में एक फार्म कंपनी में सीनियर साइंटिस्ट के तौर पर नौकरी कर रहे हैं। यहां वह पत्नी सुनीता, बेटे अंकित और संचित के साथ रहते हैं। अंकित पीएचडी कर रहा था जबकि संचित बीटेक की पढ़ाई कर रहा है। पोस्टमाॅर्टम के बाद परिजन शव को लेकर शहर से रवाना हो गए। इधर, सूत्रों के मुताबिक पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट में हैंगिग (फांसी) की पुष्टि हुई है।
एक बार जो नजर से गुजरा, उसे नहीं भूला
प्रदीप ने बताया कि बेटा मेधावी और होनहार होने के साथ ही हर मामले में योग्य था। एक बार जिस चीज को देख लेता था, उसे याद कर लेता था। कोई भी परीक्षा उसके लिए मुश्किल नहीं थी। उसकी शुरुआती पढ़ाई नोएडा और दिल्ली से हुई है। आत्महत्या की वजह क्या हो सकती है, यह जांच का विषय है। कहा कि मां-पिता से जो बात हुई है, उसमें अंकित के गाइड की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गाइड के व्यवहार से 10 से 12 बच्चे कोर्स ड्राॅप कर चुके हैं। यह भी जांच का विषय है। कहा कि अंकित की आत्महत्या आईआईटी की विफलता है। छात्रों की यह छठी या सातवीं मौत है। दुष्कर्म के कई मामले हो चुके हैं। होनहारों के साथ यह सब ठीक नहीं है।
छात्र ने सुसाइड नोट में किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है। परिवार ने भी कोई तहरीर नहीं दी है। ऐसे में जांच का सवाल नहीं उठता। तहरीर आएगी तो जांच की जाएगी।– हरीश चंदर, एडिशनल पुलिस कमिश्नर