आगरा। श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर छीपीटोला के निर्मल सदन में रविवार को मुनिश्री सौम्य सागर महाराज के सान्निध्य में जीवन विकास शिविर का समापन हुआ। मुनिश्री ने कहा कि संयम आत्मा की आराधना का प्रथम चरण है और यही सच्चे धर्म की ओर पहला कदम भी है। इसे सभी को अपनाना चाहिए।
जीवन विकास शिविर के समापन पर श्रावक-श्राविकाओं ने मुंडन संस्कार के माध्यम से संयम के प्रथम सोपान को अपनाया। मुनिश्री ने संस्कारों का महत्व समझाते हुए जीवन में संयम, साधना और सेवा को आत्म विकास का मूलमंत्र बताया। उन्होंने कहा कि सबका साथ-सबका विकास इस सूत्र को अपने दिमाग में रखते चले जाओ, जो होगा, जैसा होगा वह महागुरु के आशीर्वाद के अनुरूप ही होगा। इस दौरान शिविरार्थियों ने नगर भ्रमण कर विभिन्न जैन मंदिरों में दर्शन कर पूजा-अर्चना भी की।
वहीं दशलक्षण महापर्व के समापन पर सकल जैन समाज ताजगंज ने श्रीजी का रथयात्रा महोत्सव धूमधाम से मनाया। रथयात्रा श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर से निकाली गई। रथ में भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा को विराजित कर शोभायात्रा कसेरट बाजार, कटरा जागीदास, गुड़हाई मंडी, दलिहाई, नंदा बाजार, तांगा स्टैंड होते हुए श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन बड़ा पंचायती मंदिर पहुंची। अध्यक्ष संजय जैन, संजय बाबू जैन, विजय जैन, योगेश जैन, पारस जैन, विश्व जैन, शुभम जैन, रितु जैन, सपना जैन की मौजूदगी रही।
