
पर्वत सिंह बादल उरई ( ब्यूरो चीफ जालौन)✍️
🧶(उरईजालौन) उरई: जालौन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार उरई में जिला पोषण समिति एवं कन्वर्जेन्स विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में आंगनबाड़ी कार्यों व विभिन्न पोषण योजनाओं की गहन समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा पोषण ट्रैकर पर फीडिंग, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में बच्चों के संदर्भन, आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण, आंगनबाड़ी कार्यकत्री भर्ती और तीव्र अतिकुपोषित (सैम) बच्चों को दुधारु गाय उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जानकारी दी कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के कुल 281 रिक्त पदों में से 258 पदों पर चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। शेष 14 पद ईडब्ल्यूएस श्रेणी में पात्र अभ्यर्थी न होने के कारण लंबित हैं और 9 पदों पर किसी भी पात्र आवेदन के अभाव में चयन नहीं हो सका है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा में पाया गया कि 41 आवेदन सीडीपीओ स्तर पर तथा 38 आवेदन मुख्य सेविका स्तर पर लंबित हैं। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी और उपायुक्त मनरेगा को योजना में सक्रिय सहयोग देने के निर्देश दिए। पोषण ट्रैकर की समीक्षा में माधौगढ़, कुठौंद, कदौरा और डकोर परियोजनाओं की फीडिंग सबसे कम पाई गई। इस पर डीएम ने संबंधित परियोजना अधिकारियों को चेतावनी जारी करने और भविष्य में 95% से कम फीडिंग पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके साथ ही बैंक के सीएसआर फंड से वजन मशीनें खरीदकर आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध कराने की बात कही गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों के नियमित निरीक्षण और संचालन में लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। बैठक में यह भी बताया गया कि अप्रैल माह में एनआरसी में 18 बच्चों को भर्ती किया गया और 14 सैम बच्चों को दुधारु गायें गोद दिलाई गईं। डीएम ने मई माह में प्रत्येक सीडीपीओ को कम से कम 5-5 गायें गोद दिलाने और पहले से लाभार्थियों को मुख्यमंत्री निराश्रित गौवंश योजना के तहत 1500 रुपये प्रतिमाह दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही सभी परियोजनाओं से 2-2 बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराने को कहा गया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी राजेन्द्र कुमार श्रीवास, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र देव शर्मा, जिला विकास अधिकारी निशान्त पाण्डेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी व समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा मुख्य सेविकाएं मौजूद रहीं।