गर्मी और बरसात का मौसम हमेशा कई संक्रामक बीमारियां साथ लेकर आता है। ऐसे में इस मौसम में अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है, खासकर गर्भवती महिलाओं को। वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि पंत बताती हैं कि बरसात में बच्चों और गर्भवतियों में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड, डायरिया का खतरा अधिक रहता है। 

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सामान्य दिनों में अगर 50 प्रतिशत रहता है तो बरसात में 100 प्रतिशत हो जाता है। ऐसे में इन्हें अधिक सावधान रहने की जरूरत है। अस्पताल में इस साल मई के बाद जून और जुलाई में डायरिया के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। पिछले वर्ष इसी माह में करीब तीन गुना बढ़ गई थी।

एक दिन में पहुंचे दस मरीज

निशातगंज स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर की डॉ. प्राची सिंह ने बताया कि संक्रामक से संबंधित बीमारियों के मरीज अधिक आ रहे हैं। इसमें एक साल के बच्चे से लेकर बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं सभी शामिल हैं। पिछले सप्ताह एक दिन में डायरिया के 10 मरीज पहुंचे थे।

बचाव के उपाय


  • बाहर की चीजें खाने से बचें

  • खानपान का खास ख्याल रखें

  • साफ पानी से हाथ धोएं

  • पानी उबाल कर पीएं

  • एक दिन में चार से पांच लीटर पानी पीएं

  • भोजन को अच्छे से पकाकर खाएं

 

डायरिया के लक्षण


  • उल्टी-दस्त आना

  • कमजोरी महसूस होना

  • पेट दर्द, मरोड़ और ऐंठन महसूस होना

  • होंठ और त्वचा का सूखना

समय से पहले प्रसव का खतरा

डायरिया से डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का खतरा होता है, जो मां और भ्रूण दोनों के लिए हानिकारक है। यह समय से पहले प्रसव का कारण भी बन सकता है। साथ ही बच्चा कुपोषित भी हो सकता है। -डॉ. प्रियंका यादव, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं प्रभारी, सीएचसी सिल्वर जुबली



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