उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी (RO) एवं सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा-2025 रविवार को जनपद Muzaffarnagar में 28 परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हुई। परीक्षा का आयोजन सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया गया था। परीक्षा के लिए कुल 13,015 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये रही कि इनमें से 8,172 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया। यानी लगभग 63% परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।


कड़ी सुरक्षा, बेहतरीन प्रबंध — फिर भी छात्रों की भागीदारी में भारी गिरावट

इस परीक्षा को नकलविहीन और शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने के लिए प्रशासन ने अभूतपूर्व व्यवस्थाएं की थीं। ज़िलाधिकारी उमेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के नेतृत्व में पूरे जिले को तीन जोनों में विभाजित किया गया। तीनों एडीएम को जोनल मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। हर परीक्षा केंद्र पर एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टेटिक मजिस्ट्रेट और केंद्र व्यवस्थापक की मौजूदगी में प्रश्नपत्र खोले गए

सुरक्षा व्यवस्था में शामिल थे:

  • सीसीटीवी कैमरे

  • जैमर उपकरण

  • बायोमैट्रिक स्कैनर

  • प्रवेश द्वारों पर सघन तलाशी

  • शौचालय, पेयजल और मोबाइल-बैग जमा केंद्र

इन व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए डीएम-एसएसपी समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने जय हिन्द इंटर कॉलेज, अमृत इंटर कॉलेज, चौधरी दलीप सिंह रघुवीर सिंह इंटर कॉलेज, और जय भारत इंटर कॉलेज जैसे प्रमुख केंद्रों का निरीक्षण भी किया।


परीक्षार्थियों की उपस्थिति केंद्रवार — जानें कहां रही सबसे कम और सबसे अधिक भागीदारी

एडीएम प्रशासन संजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद के कुल 28 केंद्रों पर हुए आयोजन में सिर्फ 4,843 अभ्यर्थी उपस्थित रहे। जबकि 8,172 अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित पाए गए।

कुछ प्रमुख आंकड़े:

  • जीसी पब्लिक स्कूल, नवीन मंडी कूकड़ा में सबसे कम 28.65% उपस्थिति रही। यहाँ 384 में से केवल 110 अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे।

  • वहीं, पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज, महावीर चौक में सबसे अधिक 43.54% उपस्थिति दर्ज की गई। यहाँ 480 में से 209 अभ्यर्थी उपस्थित रहे।

इस भारी अनुपस्थिति ने न केवल आयोग को चिंतित किया, बल्कि विशेषज्ञों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर इतने अभ्यर्थियों ने अंतिम समय पर परीक्षा से दूरी क्यों बनाई।


क्या है इतनी बड़ी अनुपस्थिति का कारण? जानें विश्लेषण और संभावित कारण

इस तरह की परीक्षाओं में हजारों अभ्यर्थियों का अनुपस्थित रहना अपने आप में सवाल खड़ा करता है। विश्लेषकों का मानना है कि संभावित कारणों में शामिल हो सकते हैं:

  • कठिन पाठ्यक्रम और तैयारी में कमी

  • पिछली परीक्षाओं के परिणामों की निराशा

  • कोचिंग सेंटरों का दिशा भ्रम

  • फर्जी आवेदनों की भरमार

  • परीक्षा केंद्रों की दूरी और असुविधा

  • आखिरी समय पर बदलाव और दिशानिर्देशों की सख्ती

वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि हाल ही में हुई भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट में पारदर्शिता की कमी और बार-बार पेपर लीक की घटनाएं उनकी उपस्थिति में रुकावट बन रही हैं।


शांतिपूर्ण और पारदर्शी परीक्षा — अफसरों की मेहनत रंग लाई

हालांकि छात्र अनुपस्थित रहे, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी ने परीक्षा को पूरी तरह नकलविहीन और निष्पक्ष बना दिया। सीओ सिटी राजू कुमार साव सहित जिले भर की पुलिस और प्रशासनिक टीम ने अपनी जिम्मेदारी को बेहद गंभीरता से निभाया।

परीक्षा केंद्रों पर तैनात अधिकारी दिनभर सक्रिय रहे और हर आने-जाने वाले परीक्षार्थी की गहन जांच की गई। डीएवी कॉलेज में प्रवेश द्वार पर ही पहचान पत्र और तलाशी के बाद प्रवेश दिया गया, जिससे किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति के प्रवेश की संभावना ही नहीं रही।


इससे पहले भी दिख चुकी है अनुपस्थिति की यह प्रवृत्ति

यह पहली बार नहीं है जब इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे हों। पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में 30% से 60% तक अनुपस्थिति देखी गई है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि डिजिटल युग में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया ने आवेदन को आसान बना दिया है, जिससे बिना तैयारी वाले भी फार्म भर देते हैं, पर परीक्षा के दिन पीछे हट जाते हैं।


क्या यह प्रशासन की सख्ती का असर है या कुछ और?

UPPSC RO ARO Exam 2025 में नकल के खिलाफ प्रशासन की सख्त नीति और सुव्यवस्थित निगरानी व्यवस्था निश्चित ही अनुकरणीय रही है, लेकिन यह भी विचारणीय है कि इतने बड़े पैमाने पर छात्र क्यों अनुपस्थित रहे।

क्या यह भविष्य की परीक्षाओं के लिए चेतावनी का संकेत है? क्या आयोग को परीक्षार्थियों की मानसिकता और वास्तविकता पर फिर से विचार करना चाहिए? यह भी हो सकता है कि प्रशासन की सख्ती ने नकल करने वाले असली “टारगेट कैंडिडेट्स” को परीक्षा में हिस्सा लेने से रोका हो।

जो भी हो, 8 हजार से अधिक अभ्यर्थियों का परीक्षा छोड़ना एक सामान्य घटना नहीं है और आने वाले समय में आयोग को इससे जुड़ी हर बारीकी का विश्लेषण जरूर करना होगा।


परीक्षार्थियों ने क्या कहा? — प्रशासन से संतोष, लेकिन…

परीक्षा में शामिल हुए कई छात्रों और उनके अभिभावकों ने प्रशासन की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। शांति, सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर संतोष व्यक्त किया गया।

हालांकि कुछ छात्रों ने यह भी कहा कि शौचालय और पीने के पानी की व्यवस्था कुछ केंद्रों पर बेहतर हो सकती थी। फिर भी, संपूर्ण दृष्टिकोण से यह परीक्षा जिले के लिए एक सफल आयोजन मानी जा सकती है।


Muzaffarnagar RO-ARO परीक्षा 2025 को लेकर एक ओर जहाँ प्रशासन ने शानदार व्यवस्था करके नकलविहीन परीक्षा का उदाहरण प्रस्तुत किया, वहीं दूसरी ओर 8172 अभ्यर्थियों की अनुपस्थिति ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उत्तर प्रदेश की प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए अब केवल सुरक्षा नहीं, बल्कि मानसिक और तकनीकी दोनों पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

 



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