Robbery took place but case registered for theft Mathura police exposed in court

मथुरा पुलिस
– फोटो : अमर उजाला

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मथुरा के थाना वृंदावन पुलिस ने धाराओं में खेल करते हुए डकैती के मुकदमे को चोरी में दर्ज करने का खेल खेला। मगर, कोर्ट में सरकारी अधिवक्ता ने इसकी पोल खोल दी। 29 जनवरी को दर्ज वृंदावन के एक आश्रम में घुसकर विद्यार्थी पर हमले व रुपये, जेवर ले जाने के मुकदमे के आरोपियों को जब कोर्ट में पुलिस ने रिमांड के लिए पेश किया तो सरकारी अधिवक्ता ने अपराध की प्रवृत्ति देखते हुए मामला पकड़ लिया। कोर्ट के सामने विरोध किया और तर्क देते हुए आरोपियों की रिमांड चोरी के बजाए डकैती के मुकदमे में बनवाई।

वृंदावन थाने में कृष्ण कन्हैया हाल निवासी गोपालबाग, अटल्ला चुंगी, वृंदावन ने 29 जनवरी को तहरीर दी थी, जिसमें आरोप लगाया था कि उनके भाई हरी शंकर दास शिष्य महंत बालकृष्ण दास को साधु समाज ने गोपाल बाग आश्रम की देख रेख को 2019 से रखा हुआ है। वहां हरीशंकर दास के शिष्य सेवा पूजा करते हैं, उनका कब्जा भी है। 29 जनवरी को अर्चणा राणा के लोग योगेन्द्र सिंह, अनिल कुमार, अमित कुमार, योगेश, अजीत, हर्ष कुमार राघव, जिनकों भजन कुटी आश्रम के महंत किशन दास ने भेजा था, इनके साथ सीमा व पूजा नाम की महिला तथा अन्य तीन-चार अज्ञात व्यक्ति भी थे। सभी ने आश्रम में घुसकर वहां विद्यार्थी मनोज अधिकारी को के सिर में डंडा मारकर घायल कर दिया। अन्य विद्यार्थी भी बीच बचाव में घायल कर दिए। इसके बाद आश्रम में हरिशंकर दास के कमरे में रखे, सामान को बाहर फेंक दिया।

करीब एक लाख रुपये, आठ सोने की अंगूठी, एक सोने की जंजीर ले गए। पुलिस ने मामले में सभी नामजदों के खिलाफ चोरी, जानलेवा हमले, बलवा आदि धाराओं में मुकदमा लिखा। आरोपी अनिल, योगेंद्र, अमित, योगेश, सीमा देवी को गिरफ्तार कर कोर्ट में रिमांड मंजूर कराकर जेल भेजने को पेश किया। संयुक्त निदेशक अभियोजन ने बताया कि एसपीओ विनोद कुमार पांडेय ने इस मामले में अपराध की प्रवृत्ति, हमलावरों की संख्या के आधार पर चोरी की धारा में रिमांड का विरोध किया और तर्कों सहित बताया कि यह मामला डकैती का है। कोर्ट ने एसपीओ के तर्कों पर सहमति जताते हुए आरोपियों को डकैती की धारा में जेल भेजा।



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