प्रदेश में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत चल रही प्रवेश प्रक्रिया में सीट अलॉटमेंट की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। अभिभावकों के मोबाइल फोन पर सीट अलॉटमेंट की जानकारी दी जाती है। कई अभिभावक सूचना न मिलने से परेशान हैं।

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आरटीई के तहत प्रदेश के लिए चार चरणों में आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। तीन चरणों का सीट अलॉटमेंट कर प्रवेश दिलाया जा रहा है। इसके बावजूद कई अभिभावक भटक रहे हैं। क्योंकि बच्चे को सीट अलॉट हो गई, लेकिन अभिभावक को इसकी जानकारी नहीं हुई।

अभिभावकों ने बताया कि आवेदन करते समय साइबर कैफे वाले अपना फोन नंबर डाल देते हैं। इससे मैसेज उनको नहीं मिल पाती है। वहीं, कोई और ऐसा माध्यम नहीं है, जिससे सीट अलॉटमेंट की जानकारी मिल सके। इसके लिए अभिभावक बीएसए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। तो वहां के कर्मचारी भी यह कहकर टरका देते हैं कि सीट अलॉटमेंट की जानकारी ऑनलाइन देखने का अधिकार सिर्फ बीएसए को है। जब वह आएंगे तो सीट अलॉटमेंट के बारे में पता चलेगा। इसलिए अभिभावक सीट अलॉटमेंट की जानकारी ऑनलाइन करने की मांग कर रहे हैं।

वहीं, समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या होने के कारण सीट अलॉटमेंट की सूचना ऑनलाइन नहीं की जाती है। संबंधित अभिभावक या बच्चे अपना परिणाम ही देख सकते हैं। अभिभावकों को मोबाइल फोन पर सीधे मैसेज जाता है। जिला स्तर पर डाटा देखने का अधिकार बीएसए व राज्य स्तर पर हमारे पास है। अगर संबंधित बच्चे को अपनी दूसरी प्राथमिकता पर प्रवेश लेना है तो बीएसए कार्यालय में संपर्क कर आवेदन कर सकते हैं। आरटीई के तहत अधिकाधिक बच्चों के दाखिले के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

 

चार चरणों में मिले 3.34 लाख आवेदन, आज होगा अलॉटमेंट 

आरटीई के तहत इस साल चार चरणों में आवेदन लिए गए। दिसंबर से अब तक चार चरणों में 3.34 लाख आवेदन मिले हैं। इनमें से तीन चरणों में 2.17 लाख आवेदन स्वीकृत हुए और 1.57 लाख बच्चों को सीट अलॉट की गई है। चौथे चरण के आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है, सीट अलॉटमेंट 24 मार्च को होगा।



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