
sabarmati express accident
– फोटो : अमर उजाला
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साबरमती हादसे के बाद कानपुर-झांसी रेलमार्ग पर 18 ट्रेनें निरस्त कर दी गईं। 19 अगस्त को भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन है। ऐसे में ट्रेनों में लगभग 40 हजार यात्रियों को झांसी मंडल से कानपुर और पूरे देश के विभिन्न शहरों के लिए यात्रा करनी थी। लेकिन, इस बार रक्षाबंधन से दो दिन पहले कानपुर-झांसी रेलमार्ग पर हुए रेल हादसे के चलते त्योहार पर यात्रा करने वालों को झटका लगा है।
रेलवे ने हादसे के चलते 18 ट्रेनें निरस्त कर दी हैं। रक्षाबंधन से एक दिन पहले 18 अगस्त को झांसी मंडल से संचालित होने वालीं ग्वालियर-इटावा मेमू, इटावा-ग्वालियर मेमूृ, ग्वालियर-इटावा पैसेंजर, इटावा-ग्वालियर पैसेंजर, ग्वालियर-इटावा पैसेंजर, इटावा-ग्वालियर पैसेंजर, ग्वालियर-भिंड पैसेंजर, भिंड-ग्वालियर पैसेंजर, झांसी-कानपुर मेमू, कानपुर-झांसी मेमू, झांसी-लखनऊ पैसेंजर, लखनऊ-झांसी पैसेंजर, झांसी-लखनऊ जंक्शन, लखनऊ जंक्शन-झांसी को रद्द करने का फैसला लिया गया है।
इसके अलावा, खजुराहो-कानपुर पैसेंजर, कानपुर-खजुराहो, मानिकपुर-कानपुर मेमू, कानपुर-मानिकपुर मेमू, चित्रकूधाम-कानपुर और कानपुर-चित्रकूटधाम ट्रेन को रेलवे ने निरस्त कर दिया है। ऐसे में इन ट्रेनों से यात्रा करने वाले 40 हजार से अधिक यात्री प्रभावित हुए हैं। पीआरओ मनोज कुमार ने बताया कि रेल संरक्षा को देखते हुए ट्रेनों का निरस्त किया गया है।
16 ट्रेनें निरस्त, पांच हजार यात्रियों ने रद्द कराए टिकट
इससे पहले, शनिवार को साबरमती हादसे के बाद रेल प्रशासन द्वारा 16 ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया था, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ी थी। पांच हजार यात्रियों ने अपने टिकट रद्द करा दिए थे, जबकि कई यात्री दूसरी ट्रेनों में सीट तलाशते नजर आए।