sachin upadhyay murder case charge sheet filed

Agra Bank manager murder case
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा में बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय हत्याकांड में जेल भेजे गए कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत, बेटी प्रियंका और बेटे कृष्णा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस ने हत्या के केस में तीनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट लगा दी है। इसमें बृजेंद्र रावत को आपराधिक षड्यंत्र (धारा 201) का आरोपी बनाया है, जबकि बेटी प्रियंका और बेटे कृष्णा को हत्या और साक्ष्य मिटाने (302, 201) का आरोपी बनाया है। हत्या के पीछे पत्नी का झगड़ा दर्शाया गया है। 25 से अधिक गवाहों के साथ इलेक्ट्राॅनिक साक्ष्य भी जुटाए गए हैं। आरोपी पिता-पुत्र और बेटी जेल में बंद हैं। तीनों की हाईकोर्ट से भी जमानत खारिज हो गई थी।

ताजगंज स्थित रामरघु एग्जॉटिका कॉलोनी निवासी सचिन उपाध्याय की मौत की खबर 12 अक्तूबर, 2023 की शाम को पुलिस को मिली थी। बताया गया था कि सचिन ने आत्महत्या कर ली है। सचिन के घरवाले गांव में रहते थे। वह पुलिस के पास पहुंचे थे। उन्होंने पोस्टमार्टम की मांग की थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। इसकी रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई। मृतक के गले पर चोट के निशान थे। मारपीट के साथ जलाया भी गया था। इसके बाद गला घोंट दिया गया था। हत्या को आत्महत्या दर्शाने का प्रयास किया गया था।

मामले में 18 अक्तूबर को मृतक के परिजन की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें मृतक की पत्नी प्रियंका रावत, साले कृष्णा रावत और कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष बृजेंद्र रावत को नामजद किया। पुलिस ने दबिश देकर 20 अक्तूबर को कृष्णा रावत को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पत्नी और ससुर फरार हो गए थे। पुलिस ने दबिश दी थी। 29 अक्तूबर को बजेंद्र रावत और प्रियंका प्रयागराज से पकड़े गए।

पुलिस को मिले थे डिजीटल साक्ष्य

थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक जसवीर सिंह ने बताया कि मुकदमे की विवेचना निरीक्षक क्राइम राजकुमार ने की थी। मृतक का पोस्टमार्टम चिकित्सकों के पैनल से कराया गया था। इसमें मौत गला दबाने से होने की पुष्टि हुई थी। जलाया भी गया था। पुलिस ने घर से प्रेस और कपड़े बरामद किए थे। कृष्णा रावत के बहन प्रियंका के घर पर पौन घंटे तक रुकने की पुष्टि हुई। डिजीटल साक्ष्य मिल गए। हत्या के बाद घटना को आत्महत्या दर्शाने का प्रयास किया गया था। इस आधार पर प्रियंका और कृष्णा को हत्या और साक्ष्य मिटाने की धारा का आरोपी बनाया गया। वहीं बृजेंद्र रावत बेटी और बेटे के संपर्क में थे। इसलिए उन्हें आपराधिक षड्यंत्र में आरोपी बनाया गया है।

घर में कलह बनी वजह

सचिन के पिता केशव देव शर्मा सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। वह थाना मंसुखपुरा स्थित गांव टीकमपुरा में रहते हैं। सचिन रामरघु एग्जोटिका कॉलोनी में रह रहे थे। थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि हत्या की वजह पत्नी की कलह बनी। उसे पति का परिजन से मिलना पसंद नहीं था। विवेचना में पाया गया कि घटना वाले दिन सचिन गांव गए थे। परिवार से मिलकर आए थे। सचिन ने भाई के नाम से पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया था। पत्नी इससे नाराज थी। पति के घर आने पर पत्नी ने झगड़ा किया। अपने भाई को बुला लिया था। इसके बाद ही हत्या हो गई थी। मामले में तीनों आरोपियों को हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिली थी।



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