Sadar Tehsildar lodged an FIR for fraud against accused of making fake certificate in Agra

फर्जीवाड़ा

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उत्तर प्रदेश के आगरा में तहसील कर्मियों के साथ जालसाजी करने के मामले में सदर तहसीलदार रजनीश वाजपेयी ने थाना शाहगंज में जलकल और जल निगम के ठेकेदार रवि लवानिया समेत नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। फर्जीवाड़े का यह मामला कोई पहला नहीं है, बल्कि इससे पहले साल 2021 में नगर निगम में डीएम कार्यालय से चरित्र प्रमाणपत्र जमा कराया गया था। इसे सत्यापित कराने पर डीएम कार्यालय ने फर्जी करार दिया था। 14 जुलाई 2021 को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व से नगर निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी को जारी किए गए पत्र में स्पष्ट कहा गया कि चरित्र प्रमाणपत्र उन्होंने जारी नहीं किया।

शांति निकेतन अपार्टमेंट, चर्च रोड निवासी रवि लवानिया इससे पहले कई मामलों में चर्चित हो चुका है। जलकल विभाग और जल निगम में सीवर और पानी की लाइनों के काम रवि लवानिया की फर्म पर है, वहीं हाल में ही सिकंदरा वाटरवर्क्स के प्लांट संचालन का ठेका भी उसे दिया गया है जो पहले टाटा की कंपनी वोल्टास के पास था। सीवर सफाई और एसटीपी संचालन के जरिए उसकी कंपनी ने जलकल और जल निगम पर अपना एकाधिकार बनाया है। रवि लवानिया के खिलाफ रोहित शर्मा ने थाना छत्ता में साल 2019 में भी एफआईआर दर्ज कराई थी।

भुगतान के फर्जीवाड़े में भी फंसा, लेकिन बच निकला

काम हुए बिना ही पाइप लाइन के भुगतान के मामले में भी ठेकेदार रवि लवानिया फंस चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। साल 2016 में तत्कालीन जलकल महाप्रबंधक मंजू रानी के खिलाफ 8.44 करोड़ रुपये का भुगतान करने की जांच अपर नगर आयुक्त, जिला विकास अधिकारी और डूडा के सहायक अभियंता की तीन सदस्यीय कमेटी ने की थी, जिसमें 28 मार्च 2019 को जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को सौपी गई। 

इसमें कहा गया कि बेसन की बस्ती में 225 मीटर लाइन डाली ही नहीं गई। इसी तरह पुल छिंगा मोदी, मोहल्ला कटघर में सीवर लाइन का काम नहीं किया गया। करीब 600 मीटर सीवर लाइन बिना डाले ही 30 मार्च को काम का भुगतान कर दिया गया था।



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