
निरीक्षण करते नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल
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आगरा में भीषण गर्मी में आमजन को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल संकट की शिकायत की जाती है तो जलकल कार्यालय से फर्जी समाधान दिखा दिया जाता है। नगरायुक्त ने पीड़ितों से बता की तो यह खुलासा हुआ। टोल फ्री नंबर पर आईं शिकायतों का बिना समाधान ऑनलाइन निस्तारण दर्शा दिया गया। मामले में 3 जेई का 1 महीने का वेतन रोकने के आदेश दिए गए हैं। नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने शनिवार दोपहर को जलकल के साथ ही नगर निगम के जोनल कार्यालय छत्ता का निरीक्षण किया था। कंट्रोल रूम पर शिकायतों के निस्तारण की जानकारी ली। शिकायतकर्ताओं से बात की।
शिकायतकर्ता लायक सिंह और हरिओम त्यागी ने पानी के संकट से संबंधित शिकायत बताई थी। रजिस्टर में इन शिकायतों का समाधान करना दर्शाया गया था। हकीकत में शिकायतों का निस्तारण नहीं हुआ था। नगरायुक्त ने लापरवाही बरतने पर अवर अभियंता आशीष कुमार, अवर अभियंता अनूप सूद और अवर अभियंता रंजीत का एक माह का वेतन रोकने के आदेश दिए। उन्होंने कंट्रोल रूम में कार्यरत ऑपरेटर को प्राप्त होने वाली शिकायतों को कंप्यूटर के साथ ही रजिस्टर में भी लिखने के निर्देश दिए हैं।
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र की पत्रावलियां लंबित
जोनल ऑफिस स्थित स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण में जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र से संबंधित पत्रावलियां लंबित मिलीं। जोनल अधिकारी छत्ता ने बताया कि एसडीएम सदर कार्यालय में पत्रावलियां स्वीकृत नहीं की जाती हैं। नगरायुक्त ने लिखित में अवगत कराने के लिए कहा। एक साल से लंबित पत्रावलियों की जानकारी मांगी। जोनल अधिकारी छत्ता को कारण बताओ नोटिस भी दिया है।
गर्मी में एक बार ही दिया जाए पानी
नगरायुक्त ने महाप्रबंधक जलकल कुलदीप सिंह से कहा कि सुबह-शाम आपूर्ति वालों इलाकों में, एक बार ही, सुबह या शाम को पानी की आपूर्ति की जाए, जिससे अन्य क्षेत्रों को भी पानी उपलब्ध हो सके। इस संबंध में लोगों को पहले से ही जानकारी दी जाए। कहा कि सहायक व अवर अभियंता शिकायतों के निस्तारण की रिपोर्ट प्रतिदिन देंगे। टैंकरों से सप्लाई की रिपोर्ट दी जाए। जलकर वसूली बढ़ाई जाए।
