
Samajwadi Party Legislative Council
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समाजवादी पार्टी लंबी जद्दोजहद के बाद नामांकन के आखिरी दिन अपने विधान परिषद प्रत्याशी फाइनल कर सकी। बताते हैं कि सपा नेतृत्व बलराम यादव की जगह आलोक शाक्य को विधान परिषद भेजना चाहता था, लेकिन बलराम यादव की जिद के आगे आलोक शाक्य दौड़ से बाहर हो गए।
सपा ने पूर्व मंत्री किरण पाल कश्यप को उतारकर जहां पश्चिमी यूपी में गैर यादव पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को साधने की कोशिश की है, वहीं पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को विधान परिषद में भेजने के पीछे की मंशा आजमगढ़ सीट पर पुन जीत हासिल करना है।
सपा सूत्रों के मुताबिक, सपा नेतृत्व गुड्डू जमाली और किरण पाल कश्यप को विधान परिषद का टिकट देना पहले ही तय कर चुका था। गुड्डू जमाली आजमगढ़ लोकसभा का पिछला उपचुनाव बसपा के टिकट पर लड़े थे। उन्हें 2.66 लाख वोट मिले, जिससे सपा प्रत्याशी धर्मेद्र यादव 8679 मतों से हार गए थे।
गुड्डू जमाली हाल ही में सपा में शामिल हुए हैं और उन्हें विधान परिषद में भेजकर सपा आजमगढ़ के अपने दुर्ग को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। किरण पाल कश्यप सपा के संस्थापक सदस्य हैं, कई बार जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। पूरब से पश्चिम तक कई सीटों पर कश्यप बिरादरी का प्रभाव है।