
Samajwadi Party
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हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मिली उपेक्षा के बावजूद सपा ने सकारात्मक सबक लिया है। एकला चलो की रणनीति से सिर्फ नुकसान ही हाथ लगेगा। इसलिए यूपी के विधानसभा उपचुनाव में इंडियन गठबंधन को बरकरार रखा जाएगा। इसमें कांग्रेस को सीटों के लिहाज से हिस्सेदारी मिल सकती है।
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में शामिल सपा और आम आदमी पार्टी को कोई हिस्सेदारी नहीं दी थी। इस पर सपा ने तो वहां कोई प्रत्याशी नहीं उतारा, जबकि आम आदमी पार्टी ने चुनाव लड़ा।
परिणाम पर नजर डालें तो कांग्रेस को 39.09 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी को 1.79 प्रतिशत वोट ही मिला। वहीं, भाजपा 39.94 प्रतिशत वोट लेकर अकेले दम पर बहुमत हासिल करने में सफल रही। मुकाबला आमने-सामने का होने पर मतों में एक फीसदी का अंतर भी बड़ा मायने रखता है।
इंडिया गठबंधन के रणनीतिकारों का मानना है कि अगर कांग्रेस ने अन्य दलों का साथ लेते हुए चुनाव लड़ा होता तो परिणाम की तस्वीर दूसरी ही होती। कांग्रेस 13 सीटें 5 हजार से कम मतों से हारी। सपा की हरियाणा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र भाटी तो यहां तक कहते हैं कि सपा का साथ न लेने से कांग्रेस को 35 सीटों पर नुकसान हुआ।