संभल में इंडिया फ्रोजन फूड कंपनी के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के दौरान एक कथित मदरसे से दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इस मदरसे में आयकर विभाग की टीम के पहुंचते ही वहां पढ़ रही लड़कियां बैग लेकर भाग गईं। हालांकि टीम ने कुछ घरों को चिह्नित कर बैग बरामद किए, जिसमें कंपनी के लेन-देन से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।


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संभल की मीट फैक्टरी में आयकर विभाग का छापा
– फोटो : संवाद
वहीं छापे के दौरान कंपनी के दो संचालकों की लोकेशन दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में, जबकि अन्य दो की शाहीनबाग में पाई गई। आयकर विभाग अब चारों को तलब कर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में है। दूसरी ओर कंपनी के स्लॉटर हाउस की जांच में पशुओं की निर्मम तरीके से कटान करने का खुलासा भी हुआ है।

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संभल की मीट फैक्टरी में आयकर विभाग का छापा
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कंपनी को करीब 700 पशुओं के कटान की अनुमति दी गई थी, जबकि वहां पर एक हजार से अधिक पशुओं की कटान करने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। यह भी पता चला है कि गर्भवती भैसों और पड़वों को भी काटकर उनका मांस बेचा जा रहा था।

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संभल की मीट फैक्टरी में आयकर विभाग का छापा
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आयकर विभाग इसकी गहनता से जांच करने के लिए पशु चिकित्सकों की रिपोर्ट, पशुओं की खरीद-फरोख्त से जुड़े दस्तावेजों और कंपनी द्वारा बेचे जा रहे मांस की मात्रा के आधार पर तथ्यों को जुटा रहा है। इसके बाद कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संभल के जिला प्रशासन, नगर पालिका और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखा जाएगा।

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अफसरों की मिलीभगत के मिले प्रमाण
जांच में संभल में तैनात कुछ विभागों के अफसरों की कंपनी संचालकों के साथ मिलीभगत के प्रमाण भी हाथ लगे हैं। ये सभी कंपनी के गैरकानूनी कृत्यों को संरक्षण दे रहे थे। दरअसल, कंपनी के ठिकानों से मिली कुछ डायरियों में कोड वर्ड में अफसरों को भेजी गई घूस की रकम का जिक्र है, जिसकी दिवाली के बाद गहनता से जांच की जाएगी।