जेल में बंद संभल जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने जान से खतरा संबंधी प्रार्थनापत्र जेल प्रशासन को नहीं दिया है। उनके परिजनों ने भी मुलाकात के लिए कोई आवेदन नहीं किया। इस मामले में अदालत ने जेल से आख्या मांगी है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक आलोक कुमार सिंह ने बताया कि संभल जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली को जेल नियमावली के अनुसार सुविधाएं दी जा रही हैं।
परिजनों ने अदालत में मुलाकात नहीं कराने का आरोप लगाया है, लेकिन जेल प्रशासन को मुलाकात के लिए कोई आवेदन नहीं मिला है। नियमानुसार मुलाकात करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन सुबह 11 बजे तक आवेदन देना पड़ता है। यदि आवेदन मिलेगा तो नियमानुसार मुलाकात कराई जाएगी।
इस मामले में अदालत ने भी आख्या मांगी है। अदालत के समक्ष नियमानुसार आख्या प्रस्तुत की जाएगी। जेल की बैरक में जफर अली सुरक्षित हैं। बंदीरक्षक प्रत्येक बंदी की सुरक्षा कर रहे हैं। साथ ही जेल अधिकारी प्रतिदिन बंदियों की सुरक्षा की समीक्षा करते हैं। जामा मस्जिद कमेटी के सदर को रविवार को गिरफ्तार कर संभल पुलिस ने जेल में दाखिल कराया था।
उन पर संभल बवाल में साजिश रचने और गंभीर अपराध में झूठे बयान देने के आरोप हैं। इसी मामले में सांसद और विधायक के बेटे पर भी केस दर्ज है।
संभल हिंसा: जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली की जान को जेल में खतरा, परिजन बोले- मुरादाबाद में मिलने नहीं दिया
परिजनों ने लगाया था यह आरोप
शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली को गिरफ्तार कर मुरादाबाद जेल भेजा गया है। परिजनों ने उनकी जान को खतरा बताते हुए जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके भाई मोहम्मद ताहिर अली ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन उन्हें जफर अली से मिलने नहीं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वह कोई खतरनाक अपराधी हों। परिवार का आरोप था कि 70 वर्षीय जफर अली की सेहत ठीक नहीं है और उनकी दवाएं भी जेल में नहीं पहुंचने दी जा रही हैं।