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बरामद दवाएं – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
नकली, प्रतिबंधित, सरकारी दवाओं के बाद अब आगरा में सैंपल की दवाओं की कालाबाजारी का अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ा गया है। एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने जगनेर में बिंदल केमिस्ट से करीब 50 लाख रुपये की दवाएं जब्त की हैं। यहां से राजस्थान समेत आसपास के राज्यों में अवैध रूप से नामी कंपनियों की प्रतिबंधित-सैंपल दवाएं खपाई जा रही थीं। इनके नकली होने की भी आशंका है। नौ नमूने जांच के लिए भेजे हैं। संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
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सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि नकली दवाओं की बिक्री की शिकायत पर टीम ने मंगलवार की देर शाम को जगनेर स्थित बिंदल केमिस्ट पर छापा मारा था। संचालक अमित बिंदल मिले, इनके पास मेडिकल स्टोर का लाइसेंस था। जांच करने पर केमिस्ट में नामी कंपनियों की सैंपल की दवाओं की भरमार मिली। इसमें एंटीबायोटिक, पेट रोग, कफ-सिरप, गला रोग समेत अन्य 96 तरह की दवाएं भरी हुई थीं।
केमिस्ट के पास की दुकान गोदाम बना रखा था, इसमें भी कार्टन रखे थे। जांच में 4-5 लाख की दवाओं के बिल नहीं दिखा पाया। इन दवाओं को नौ बोरों में भरकर थाने में लाकर सीज कर दिया है। सैंपल की दवाओं पर कीमत दर्ज नहीं है। बाजार की कीमत का आकलन कर करीब 50 लाख रुपये की दवाएं हैं। मेडिकल स्टोर को बंद करवाते हुए जांच के लिए नौ नमूने लिए हैं। संचालक के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। नमूने फेल मिलने पर धाराओं में वृद्धि कर दी जाएगी।
दवा प्रतिनिधि से कम कीमत पर हैं खरीदते
सहायक आयुक्त ने बताया कि सैंपल की दवाओं की बिक्री अवैध है। पूछताछ में संचालक ने बताया कि ये विभिन्न कंपनी के दवा प्रतिनिधि और एजेंट से बाजार कीमत पर 60-70 फीसदी कम कीमत पर खरीदता है। दोगुना मुनाफा लेकर ग्राहकों को बेचता था। सस्ती होने के कारण ग्राहक भी आसानी से खरीद लेते थे।
बिक्री से टैक्स की भी चोरी
सैंपल की दवाओं की खरीद-बिक्री नहीं की जा सकती है। ये दवाओं की गुणवत्ता परखने के लिए चिकित्सकों को बतौर नमूने के तौर पर दी जाती है। मरीज को बेहतर लाभ मिलने के बाद चिकित्सक ये दवाएं मरीजों को लिखते हैं। सैंपल की दवाओं पर कीमत अंकित नहीं होने के कारण इससे कर चोरी भी हो रही थी।