Samples of Betamate, LChem-5 and Rabiford-DSR drugs failed, banned

सील दवाइयों को दिखाते औषधि निरीक्षक डॉ. परमेश द्विवेदी
– फोटो : अमर उजाला

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सूजन और एलर्जी की दवा बेटकेम 0.5 एमजी, आंखों से पानी आने और राइनाइटिस की दवा एलसीकेम-5 और एसिडिटी व पेट की बीमारियों के कैप्सूल रैबीफोर्ड-डीएसआर के नमूने जांच में फेल हो गए हैं। निदेशालय ने इन दवाइयों की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। अब निर्माता कंपनियों और स्टाकिस्टों पर एफआईआर कराने की तैयारी की जा रही है। इन दवाइयों के नमूने कन्नौज के करीब 25 मेडिकल स्टोरों से लेकर जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजे गए थे। ये तीनों दवाइयां हरिद्वार, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में बनाई जा रहीं हैं।

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औषधि निरीक्षक डॉ. परमेश द्विवेदी ने बताया कि पिछले दो माह में जिले में करीब 35 मेडिकल स्टोरों, डिस्पेंसरी व अन्य दवा की दुकानों का निरीक्षण किया गया था, जिसमें करीब आठ प्रकार की दवाइयों के सैंपल लेकर जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजे गए थे, इनमें बेटमेट, एलसीकेम-5 व रैबीफोर्ड-डीएसआर के नमूने जांच में फेल हो गए हैं। ये दवाइयां अधोमानक व मिथ्या छाप श्रेणी में रखीं गईं हैं। बुधवार को लैब से जांच रिपोर्ट मिली, जिस पर निदेशालय ने इन तीनाें दवाइयों को पूरे देश में बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

उन्होंने बताया कि बेटमेट-0.5 एमजी की निर्माता कंपनी मैस्कन लाइफ साइंसेस प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार, एलसीकेम-5 टैबलेट की टाइटेंस फार्मा ऊना हिमाचल प्रदेश तथा रैबीफोर्ड-डीएसआर कैप्सूल की सुपर क्योर बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड हरियाणा के खिलाफ कन्नौज सेशन कोर्ट में परिवाद दायर किया जाएगा। यहीं इनका सेशन ट्रायल भी होगा। उन्हाेंने बताया कि अभियान चलाकर इन दवाइयों की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी। इसके लिए दवा की दुकानों और स्टाकिस्टों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। यदि प्रतिबंध के बाद भी कोई बिक्री करता पाया गया तो उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।



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