
Sanjeev Jeeva
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लखनऊ। गैंगस्टर संजीव उर्फ जीवा हत्याकांड को अंजाम भले ही शूटर विजय यादव उर्फ आनंद ने दिया हो लेकिन इसका असल किरदार अभी पर्दे के पीछे है। सवाल है कि विजय का आका कौन है? शुरुआती जांच में पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक तार जुड़ रहे हैं। बड़े गैंग से लेकर एक पूर्व सांसद भी जांच की जद में है।
अब देखना होगा कि एसआईटी कत्ल के मुख्य साजिशकर्ता तक पहुंच पाती है या नहीं। जीवा पर गोलियां बरसाने वाला विजय बड़ा अपराधी नहीं था। जीवा से से उसकी कोई रंजिश नहीं थी। ऐसे में उसकी हत्या उसने क्यों की, यह सवाल बड़ा अहम है।
जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है, उससे स्पष्ट है कि यह कांट्रेक्ट किलिंग है, जिसकी साजिश काफी पहले रची गई। विजय को वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार किया गया। इसलिए उसने शार्प शूटर की तरह वारदात को अंजाम दिया।
एसआईटी ने प्रत्यक्षदर्शी पुलिसकर्मियों के दर्ज किए बयान, घटनास्थल से जुटाए साक्ष्य
उधर, गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के मामले में एसआईटी ने बृहस्पतिवार को तफ्तीश तेज कर दी। छह घंटे तक प्रत्यक्षदर्शी पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज करने के बाद एसआईटी फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पहुंचकर सुबूत जुटाए। पुलिस ने शूटर विजय यादव के पास से उसका मोबाइल बरामद कर जांच को भेज दिया है। आशंका है कि इसका डाटा डिलीट किया गया है, जिसे रिकवर कराया जाएगा। इससे बड़े राज या फिर पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सकता है।