उत्तर प्रदेश के आगरा में माथे पर तिलक, मुख पर बम बम के जयकारे। इसी जोश से भोले बाबा के भक्त शिव मंदिरों की परिक्रमा के लिए घरों से निकले। जोश और उत्साह ऐसा कि पूरे परिक्रमा मार्ग की गली-गली जयकारों से गूंज उठी। हजारों की संख्या में भक्तों के रेला से सड़कें जाम हो गईं।

सावन में मनोकामना पूरी करने के लिए भक्त शिव मंदिरों की परिक्रमा करते हैं। इसमें बल्केश्वर महादेव मंदिर, कैलाश महादेव मंदिर, राजेश्वर महादेव मंदिर, पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के दर्शन करते हैं। इस परिक्रमा मार्ग की दूरी करीब 40 किमी है। सावन के दूसरे सोमवार को शहर-देहात और आसपास के जिलों के भक्तों ने शाम को परिक्रमा शुरू की। इसमें युवा तो भक्ति में सराबोर दिखे। 



इसके साथ ही बुजुर्ग और महिलाओं में भी खासा उत्साह दिखा। तेज कदमों के साथ महादेव के जयकारे लगाते हुए भक्तों ने शिव मंदिरों की परिक्रमा की। हजारों की संख्या में भक्तों के रेला से सड़कों पर जाम की स्थिति रही। जाम में फंसने और रुकावट भी भक्तों के जोश को डिगा नहीं पाई। महाकाल के दर्शन कर भक्तों ने मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की।

 


परिक्रमा मार्ग पर भक्तों की सेवा-सत्कार के लिए भी लोगों ने व्यवस्था कर रखी थी। जगह-जगह इन पर फूल बरसाए। इनके लिए भंडारा, प्रसाद और प्याऊ की भी व्यवस्था थी। थकान होने पर बैठने के लिए कुर्सियों का भी इंतजाम रहा।

 


सावन के दूसरे सोमवार को अभिषेक के लिए शहर के सभी मंदिर और शिवालय रविवार को जगमगा रहे थे। मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेशपुरी ने बताया कि रविवार की रात भक्तों का मंदिर पहुंचना शुरू हो गया। सुबह आरती के लिए बाबा के सैकड़ों भक्तों ने मंदिर के बाहर विश्राम किया।

 


यमुना का लगातार बढ़ रहा जलस्तर के कारण कैलाश मंदिर में महादेव के दर्शनार्थी परिक्रमा नहीं लगा पाए। मंदिर के महंत निर्मल गिरि ने बताया कि यमुना में पानी काफी बढ़ा हुआ है। इसलिए इस बार श्रद्धालु सिर्फ दर्शन कर सकेंगे। पृथ्वीनाथ मंदिर में हर बार की तरह इस बार भी बाबा के भजनों की गूंज रहीं। लाउडस्पीकरों पर बज रहे महादेव के भजनोंं पर नाचते गाते श्रद्धालुओं का रविवार रात से पृथ्वीनाथ मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था।

 




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