
बाबा विश्वनाथ का भागीरथी श्रृंगार में दर्शन
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
सावन में भगवान शिव की कृपा श्रद्धालुओं पर बरस रही है। 8वें सोमवार के बाद आने वाली पूर्णिमा के साथ सावन का समापन होगा। अंतिम सोमवार पर आयुष्मान और सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। वहीं, प्रदोष के साथ सोमवार के व्रत का भी संयोग बन रहा है। श्री काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि 19 साल के बाद अधिमास और सावन का संयोग भक्तों के लिए कल्याणकारी है। 8 सोमवार वाले सावन का अंतिम सोमवार श्रद्धालुओं के लिए फलदायी रहेगा।
कृपा प्राप्ति के लिए भगवान शिव की आराधना किसी भी दिन की जा सकती है लेकिन श्रावण मास के सोमवार की महिमा बेहद खास है। सावन के अंतिम सोमवार को आयुष्मान योग और सौभाग्य योग निर्मित हो रहा है। इस योग में व्रत- पूजन से महादेव की विशेष कृपा श्रद्धालुओं को प्राप्त होगी। ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि सावन के अंतिम सोमवार के व्रत के साथ ही प्रदोष व्रत का भी संयोग बन रहा है।
ऐसे करें पूजा
ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि व्रत करने वाले को प्रात:काल दैनिक कृत्यों से निवृत्त होकर अपने आराध्य की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद दाहिने हाथ में जल, पुष्प, फल, गंध व कुश लेकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
ये भी पढ़ें: काशी विश्वनाथ का सावन श्रृंगार; अर्द्धनारीश्वर..भागीरथी श्रृंगार या फिर अमृत वर्षा, हर रूप से भक्त हुए निहाल