Sawan Special: This circle shaped Shivalinga fulfills every wish, this miraculous story is associated with the

चक्रेश्वर महादेव मंदिर
– फोटो : अमर उजाला

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सकरन क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिरकिंडा का चक्रेश्वर महादेव मंदिर करीब दो सौ साल पुराना है। इस मंदिर को स्थानीय लोग चकले बाबा मंदिर से भी जानते हैं। जिला मुख्यालय से करीब 50 किमी दूर यह मंदिर सकरन की ग्राम पंचायत सिरकिंडा में मतुआ सकरन मार्ग पर है। गौरतलब है कि इस जगह पर करीब दो सौ साल पूर्व विशालकाय जंगल था। लोग दिन में भी इस जंगल में नहीं जाते थे।

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 एक दिन पड़ोस के गांव लखनापुर की लोधी परिवार की एक महिला इस जंगल में लकडी बीनने आई थी। तभी उसके एक पत्थर से ठोकर लग गयी। महिला बेहोश होकर गिर गयी। होश आने पर वह अपने घर चली गयी। रात में भोलेनाथ ने स्वप्न में आकर उसको जंगल में मंदिर बनवाने की बात बतायी। सुबह उस महिला ने सिरकिंडा गांव निवासी पंडित जगदम्बा प्रसाद से स्वप्न वाली सारी बात बतायी।

जगदम्बा प्रसाद ने गांव वालों की मदद से जंगल में खुदाई करवायी। इस दौरान वहां एक शिवलिंग निकला। महिला ने जगदम्बा प्रसाद की मदद से खुदाई में निकले शिवलिंग की स्थापना करवाई। शिवलिंग चक्र के आकार का होने के कारण मंदिर का नाम चक्रेश्वर महादेव रखा गया। यह मंदिर आज गांजरी क्षेत्र में चकलेबाबा के नाम से विख्यात है।

 मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस मंदिर के पूरब में गार्गी माता मंदिर, पश्चिम में बजरंगबली,उत्तर में दुर्गा माता का मंदिर और दक्षिण में उस लोधी परिवार की महिला की प्रतिमा लगी है। सावन माह में रोज हजारों भक्त यहां पूजा अर्चना करने आते हैं। प्रत्येक सावन मास के सोमवार के अलावा रक्षाबंधन और चैत्र शुक्ल पक्ष की तेरस को यहां विशाल मेला लगता है।



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