
संत (सांकेतिक तस्वीर)
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तीर्थनगरी मथुरा के चौमुहां स्थित स्वर्ण मंदिर धाम में प्रेसवार्ता आयोजित की गई। इसमें गुरुदास सुशील वर्मा ने बताया कि महाब्रह्मर्षि कुमार स्वामी एवं शंकराचार्य के मध्य एक गलत प्रचारित शब्द को लेकर गहन मंथन हुआ। बताया कि चरित्रहीन शब्द पर पूर्ण विराम लगा दिया है। कुछ आसामाजिक तत्व सनातन धर्म एवं महाब्रह्मर्षि कुमार स्वामी को बदनाम करने की साजिश में लगे थे।
बताया कि द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती एवं काशी विद्वत परिषद के विद्वानों द्वारा चरित्रहीन शब्द का पूर्ण शास्त्रीय समाधान किया है। इससे श्रीराधा-कृष्ण, ब्रजमंडल व सनातन धर्म को गिराने का कुत्सित प्रयास असफल हुआ है। इस समय सनातन संस्कृति का जो स्वरुप हम देख रहे हैं।