इटावा। शासन के नए फरमान में अब विद्यालयों को भी आवारा कुत्तों से सुरक्षित रखा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। पहले ऐसे विद्यालयों को चिन्हित किया जाएगा जिनके आसपास आवारा कुत्तों का जमावड़ा रहता है। उन विद्यालयों में ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे यह आवारा कुत्ते विद्यालय परिसर की बाउंड्रीवॉल और गेट आदि के आसपास न पहुंच पाएं।
बीएसए डॉ. राजेश कुमार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि स्थानीय निकायों के माध्यम से दो सप्ताह में आवारा कुत्तों से प्रभावित विद्यालयों की पहचान कर ली जाए। इसके बाद आठ सप्ताह में यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि विद्यालय परिसर की बाउंड्रीवॉल और गेट के आसपास कुत्ते न पहुंच जाए। यह व्यवस्थाएं स्थानीय निकाय के माध्यम से डीएम की देखरेख में की जाएगी।
निर्देश में कहा गया है कि जिले के सभी विद्यालयों के प्रबंधन व प्रशासनिक प्रमुख एक नोडल अधिकारी नामित करेंगे। यह नोडल अधिकारी विद्यालय परिसर के समुचित रखरखाव और सफाई व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होगा। नोडल अधिकारी का विवरण विद्यालय के गेट पर प्रदर्शित किया जाएगा और इसकी सूचना भी दी जाएगी।
बीएसए ने बताया कि विद्यालय परिसर में किसी भी निराश्रित कुत्ते के काटने पर नोडल अधिकारी अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल से समन्वय स्थापित करके एंटी रेबीज दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही पीड़ित को उपचार की व्यवस्था भी की जाएगी। प्रधानाचार्यो से इसका कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।
