SDM got property registered in name of friend and Naib Tehsildar registered in name of relatives In Firozabad

जमीन हड़पना (सांकेतिक)

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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में सिरसागंज के रूधैनी निवासी योगेंद्र कुमार शर्मा की 75 बीघा भूमि में फर्जी वसीयत को आधार बनाकर एसडीएम विवेक राजपूत ने न सिर्फ फैसला सुनाया था। बल्कि 15-15 बीघा भूमि का एसडीएम ने अपने करीबी, नायब तहसीलदार ने अपने सास, ससुर व साली तथा लेखपाल ने अपने पिता के नाम बैनामा करा लिया था। 

इतना ही नहीं शेष जमीन को जिला पंचायत सदस्य व अन्य को सस्ती दर में बिक्री कर दिया था। तहसील सिरसागंज के रूधैनी निवासी योगेंद्र कुमार शर्मा, अपने भाई वेदेंद्र कुमार शर्मा के साथ 1985 से 75 बीघा जमीन को पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे। विवाद पहले शिकोहाबाद तहसील में चलता रहा बाद में यह सिरसागंज तहसील में चला गया था। लेकिन जून 2024 में इस जमीन को अफसरों ने सफेदपोशों के साथ मिलकर बंदरबांट करने की रणनीति बना डाली। 

जिसके पक्ष में फैसला सुनाया जाना था, उससे सीधे जमीन का सौदा ही कर डाला। वेदेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सिरसागंज तहसील के तत्कालीन एसडीएम विवेक राजपूत, नायब तहसीलदार नवीन कुमार एवं लेखपाल ईआरके अभिलेख सिंह ने तो सीधे जमीन अपने रिश्तेदारों एवं करीबियों के नाम बैनामा करा दी।

एसडीएम के करीबी जिला जालौन उरई के बरसार निवासी दीपक राजपूत, अर्जुन सिंह गुर्जर निवासी जालौन, नायब तहसीलदार के ससुराल पक्ष से अनीता सिंह, सास राजश्री चाहर, ससुर महीपाल सिंह चाहर तथा लेखपाल अभिलाख सिंह ने अपने पिता सर्वेश सिंह निवासी भदावर हाउस बिछिया रोड गली नंबर एक तहसील व जिला मैनपुरी के नाम बैनामा कराए थे। भाजपा के मंडल अध्यक्ष अजीत कुमार लोधी निवासी नगला खंगारी एवं महलई नैपई के पप्पू, प्रवेश कुमार के नाम जमीन खरीदी गई।

39 वर्ष पुराना है जमीन का विवाद

वेदेंद्र कुमार ने बताया उनके कालीचरन मूलरूप से पिल्खतर जैत एका क्षेत्र के निवासी थे। लेकिन पिता कालीचरन को आठ वर्ष की उम्र में ही मेरी बुआ भगवती कुंवरि ने अपने गांव रूधैनी ले आई थीं। क्योंकि उनके पति की मौत हो गई थी। बुआ ने मेरे पिता कालीचरन के नाम 35 बीघा कर दी थी। वहीं छोटे भाई योगेंद्र कुमार को गोद लेने के कारण 75 बीघा जमीन का वह मालिक बन गया था। बुआ के पास 110 बीघा भूमि थी। बाद में एक फर्जी बेटी बनकर दावेदारी कर रही थी।

पुलिस की भूमिका भी रही संदिग्ध

पीड़ित वेदेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि जिस समय हमारी फसल उजाड़ी जा रही थी तब मेरे द्वारा थाना सिरसागंज में जाकर अर्जी लगाई थी कि हमारी लाखों की फसल बर्बाद कर दी गई। लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। इतना ही नहीं एसपी ग्रामीण से मिले तो उन्होंने राजस्व विभाग का मामला बताकर टरका दिया था। उन्होंने कहा कि सिरसागंज तहसील क्षेत्र का पूरा तंत्र मिला हुआ था।



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