बरेली जिले में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है। दशहरा और इसके बाद जुमा को देखते हुए चौकसी और बढ़ा दी गई है। शहर के हालात देखते हुए दूसरे जिलों से आई पुलिस को चार अक्तूबर तक रोक लिया गया है। फिलहाल करीब आठ हजार पुलिसकर्मी व अधिकारी जिले में तैनात हैं। इनमें करीब छह हजार की तैनाती शहर में ही है। दशहरा पर लगने वाले मेलों में भीड़ देखते हुए पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों व मिश्रित आबादी में सुरक्षा बढ़ाई गई है, ऐसी जगह ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।
वीरांगन यूनिट ने किया फ्लैग मार्च
जिले की कानून-व्यवस्था को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन के अफसर लगातार भ्रमणशील हैं। एसपी साउथ अंशिका वर्मा के नेतृत्व में पुलिस बल ने बृहस्तपिवार को शहर के संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया। एसपी साउथ ने बताया कि महिला एसओजी की वीरांगना यूनिट के साथ महिला क्यूआरटी की छह टीमें तैनात की गई हैं। प्रत्येक टीम में 30-35 कर्मी हैं। क्यूआरटी हर तरह की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं। कंट्रोल रूम से भीड़ की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है। जहां भी भीड़ जमा होती दिखेगी, अलर्ट जारी कर दिया जाएगा और संबंधित बल को तैनात कर दिया जाएगा।
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डीएम ने किया आमजन से संवाद
बुधवार को डीएम अविनाश सिंह ने किला, प्रेमनगर, बारादरी, कोतवाली, कांकर टोला चौकी क्षेत्र और श्यामगंज मार्केट में गश्त कर वहां का माहौल जाना। डीएम ने आमजन से संवाद कर उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा कि अपराधियों और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। वहीं किला इलाके में कमिश्नर और डीआईजी ने बुधवार को पुलिस बल के साथ रूट मार्च किया था।