Seminar: Doctor said – fever can be fatal, do not take it lightly, doctors should get necessary training for t

सेमिनार में मौजूद प्रमुख डॉक्टर।
– फोटो : अमर उजाला।

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सोसाइटी फॉर एक्यूट केयर, ट्रॉमा और इमरजेंसी मेडिसिन (SACTEM) के द्वारा बीते दिनों संक्रामक रोग सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में उत्तर प्रदेश भर के आपातकालीन चिकित्सकों ने भाग लिया, जिसमें केजीएमयू, आरएमएल, एसजीपीजीआई, मेदांता, एरा, विवेकानंद और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों की टीमें शामिल थीं।

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सम्मेलन में इन संक्रामक रोगों के प्रबंधन में नवीनतम शोधों पर बात की गई। सैक्टम के संस्थापक और अध्यक्ष  डॉ. लोकेंद्र गुप्ता ने सरकारी और निजी अस्पतालों के आपातकालीन डॉक्टरों को बुखार के मामलों को बेहतर ढंग से संभालने के लिए प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रोकी जा सकने वाली या इलाज योग्य संक्रमणों के कारण किसी की जान न जाए। इसी उद्देश्य से हमने इस सम्मेलन का आयोजन किया है।

आयोजन सचिव डॉ. सुभांकर ने सभी प्रतिभागियों को संक्रामक रोगों पर विशेष रूप से तैयार की गई पुस्तिका वितरित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तिका आपातकालीन डॉक्टरों को नवीनतम दिशानिर्देशों से अपडेट रखेगी, जिससे वे सर्वोत्तम देखभाल प्रदान कर सकेंगे।

आयोजन अध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता ने गर्व से घोषणा की कि राज्य भर के विभिन्न आपातकालीन विभागों से 100 से अधिक डॉक्टरों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने कहा, “प्रतिभागियों को संक्रमणों के प्रभावी प्रबंधन के बारे में अमूल्य जानकारी प्राप्त हुई, जिससे वे अपनी समुदायों की बेहतर सेवा कर सकेंगे।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि, भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) लखनऊ की अध्यक्ष, डॉ. वीनेता मित्तल और विशिष्ट अतिथि एरा मेडिकल कॉलेज के डीन, डॉ. एम. एम. ए. फरीदी ने इस पहल की सराहना की और संक्रामक रोगों के खिलाफ निरंतर प्रयासों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।



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